नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने 2031 एएफसी एशियाई कप की मेजबानी करने की भारत की इच्छा के लिए सरकार का पूरा समर्थन देते हुए शनिवार को कहा कि प्रमुख प्रतियोगिताओं की मेजबानी से देश का वैश्विक कद बढ़ेगा जिसका लक्ष्य 2036 ओलंपिक का आयोजन करना है।
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने 31 मार्च की समय सीमा से पहले महाद्वीप के सबसे प्रतिष्ठित फुटबॉल टूर्नामेंट के 2031 सत्र की मेजबानी के लिए इच्छा पत्र सौंपा है जिसकी घोषणा शुक्रवार को की गई।
एआईएफएफ की विज्ञप्ति में मांडविया ने कहा, ‘‘प्रमुख खेल प्रतियोगिताओं की मेजबानी का देश के खेल पारिस्थितिकी तंत्र और बुनियादी ढांचे पर गहरा और स्थायी प्रभाव पड़ता है। खेल भारत के बढ़ते वैश्विक कद का एक शक्तिशाली प्रमाण बन सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2036 ओलंपिक की मेजबानी के लिए भारत की दूरदर्शी बोली का नेतृत्व कर रहे हैं। एक बार फिर राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी करने की भारत की आकांक्षा भी गति पकड़ रही है।’’
सरकार का समर्थन जताते हुए मांडविया ने कहा कि देश भर में फुटबॉल की अपार लोकप्रियता को देखते हुए यह स्वाभाविक है कि हम एएफसी एशियाई कप की मेजबानी करने के अवसर की तलाश कर रहे हैं।
मांडविया ने कहा, ‘‘सरकार एशिया के सबसे बड़े फुटबॉल टूर्नामेंट को भारत में लाने के अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के प्रयास को अपना पुरजोर समर्थन देती है। अगर हम सफल होते हैं तो मुझे पूरा विश्वास है कि फुटबॉल को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।’’
टूर्नामेंट की मेजबानी का अधिकार पाने के लिए भारत को ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और संयुक्त अरब अमीरात जैसे फुटबॉल के दिग्गज एशियाई देशों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा।
इंडोनेशिया और कुवैत ने भी इच्छा पत्र जमा कर दिया है जबकि किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने संयुक्त बोली लगाई है।
कुआलालंपुर में एएफसी की 35वीं कांग्रेस के लिए गए एआईएफएफ के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने कहा, ‘‘एएफसी एशियाई कप 2031 की मेजबानी की हमारी इच्छा में सरकार के मजबूत समर्थन से एआईएफएफ खुश है। एशियाई कप एशिया का सबसे बड़ा फुटबॉल टूर्नामेंट है और एक राष्ट्र के रूप में भारत के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह ना केवल एशिया बल्कि बाकी दुनिया को दिखाए कि हमारे पास क्या है।’’
इस महीने के अंत में एक बोली कार्यशाला आयोजित की जानी है। इसके बाद 2026 में एएफसी कांग्रेस द्वारा 24 टीम की प्रतियोगिता के लिए मेजबान के चयन से पहले एएफसी प्रशासन द्वारा बोलियों का समग्र मूल्यांकन किया जाएगा।
भारत ने कभी भी इस टूर्नामेंट की मेजबानी नहीं की है जो महाद्वीप के विश्व कप के समकक्ष है।
भारत ने 2023 और 2027 के टूर्नामेंट की मेजबानी के लिए बोलियां सौंपी थी जब प्रफुल्ल पटेल एआईएफएफ अध्यक्ष थे।
एआईएफएफ ने 2023 की बोली को 2018 में वापस ले लिया था और 2027 टूर्नामेंट के मामले में भी यही हुआ।
दिसंबर 2022 में कल्याण चौबे के एआईएफएफ अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के कुछ महीने बाद भारत ने 2027 एएफसी एशियाई कप के आयोजन के लिए अपनी बोली वापस ले ली। भारत ने उस समय यह घोषणा की कि बड़ी प्रतियोगिताओं की मेजबानी करना इस समय उसकी ‘रणनीतिक प्राथमिकताओं’ में से नहीं है।
एआईएफएफ के फैसले ने सऊदी अरब को 2027 एएफसी एशियाई कप की मेजबानी के लिए एकमात्र दावेदार बना दिया था जो महाद्वीप की इस शीर्ष प्रतियोगिता का 19वां सत्र होगा।
भाषा सुधीर नमिता
नमिता