(अमनप्रीत सिंह )
पेरिस, पांच अगस्त ( भाषा ) पेरिस ओलंपिक खेलगांव में पहुंची अधिकांश भारतीय महिला पहलवानों का समय ट्रेनिंग की बजाय अपने निजी कोचों और फिजियो के लिये दैनिक पास जुटाने में जा रहा है ।
विनेश फोगाट के साथ उनके कोच वोलेर एकोस और फिजियो अश्विनी पाटिल हैं जो भारतीय दल के आधिकारिक फिजियो भी हैं । उन्हें एक्रीडिटेशन मिला हुआ है जबकि बाहर रहने वाले बाकियों को खेलगांव में आने के लिये अनुमति चाहिये ।
अंतिम पंघाल ( महिला 53 किलो ), अंशु मलिक (महिला 57 किलो ) और रीतिका हुड्डा ( 76 किलो ) खेलगांव पहुंच चुकी हैं और उन्हें ट्रेनिंग के लिये निजी सहयोगी स्टाफ की जरूरत है ।
आईओए ने उनके सहयोगी स्टाफ को यात्रा की मंजूरी दे दी लेकिन सभी खेलगांव के बाहर हैं और उन्हें प्रवेश के लिये रोज पास की जरूरत होती है ।
एक सूत्र ने बताया ,‘‘ कुश्ती स्पर्धायें सोमवार से शुरू हो रही हैं और ऐसे में जबकि खिलाड़ियों का फोकस ट्रेनिंग पर होना चाहिये , वे कोचों को दैनिक पास दिलाने में व्यस्त हैं । वे संबंधित लोगों को मदद के लिये फोन या ईमेल कर रहे हैं ।’’
अंशु और रीतिका रविवार को खेलगांव पहुंचे ।
सूत्र ने कहा ,‘‘ अंशु कोशिश कर रही है कि उसके पिता धरमवीर यहां आ सके । वहीं अंतिम चाहती हैं कि भगत सिंह और विकास उनके साथ हो । उनकी सारी ऊर्जा इसी पर खर्च हो रही है ।’’
रीतिका के कोच मनदीप भी पेरिस पहुंच गए हैं लेकिन उनका पूरा फोकस तैयारी पर है ।
सूत्र ने कहा ,‘‘ रीतिका और अमन का पूरा फोकस तैयारी पर है । वे भी चाहते हैं कि उनके कोच साथ में हों लेकिन वे अपनी तैयारियों पर असर नहीं पड़ने दे रहे ।’’
आईओए के एक अधिकारी ने कहा कि उन्हें समझ में नहीं आता कि पहलवान राष्ट्रीय कोचों पर भरोसा क्यो नहीं करते ।
उन्होंने कहा ,‘‘ जगमंदर सिंह और वीरेंदर दहिया जैसे राष्ट्रीय कोच भी वहां हैं । अगर हर किसी को निजी स्टाफ चाहिये तो राष्ट्रीय कोचों की क्या जरूरत है । पता नहीं इन्हें राष्ट्रीय कोचों पर भरोसा क्यो नहीं है ।’’
भाषा मोना पंत
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