खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में घटकर पांच महीने के निचले स्तर 4.3 प्रतिशत पर आई

Ankit
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नयी दिल्ली, 12 फरवरी (भाषा) जनवरी महीने में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 4.31 प्रतिशत पर आ गई जो पांच महीनों का निचला स्तर है। यह गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों, अंडों और दालों की कीमतों में कमी के कारण आई है।


उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर, 2024 में 5.22 प्रतिशत और जनवरी, 2024 में 5.1 प्रतिशत पर रही थी।

इससे पहले सबसे कम मुद्रास्फीति अगस्त, 2024 में 3.65 प्रतिशत थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक अक्टूबर से ही गिरावट पर है।

जनवरी में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 6.02 प्रतिशत थी, जो अगस्त, 2024 के 5.66 प्रतिशत के बाद सबसे कम थी।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों से पता चला है कि दिसंबर, 2024 की तुलना में जनवरी, 2025 की कुल मुद्रास्फीति में 0.91 प्रतिशत की गिरावट आई है और यह अगस्त, 2024 के बाद सालाना आधार पर सबसे कम मुद्रास्फीति है।

आंकड़ों के अनुसार, सालाना आधार पर सबसे अधिक मुद्रास्फीति वाली शीर्ष पांच वस्तुएं- नारियल तेल (54.2 प्रतिशत), आलू (49.61 प्रतिशत), नारियल (38.71 प्रतिशत), लहसुन (30.65 प्रतिशत), मटर (30.17 प्रतिशत) थीं।

दूसरी तरफ, जनवरी में सालाना आधार पर सबसे कम मुद्रास्फीति वाली प्रमुख वस्तुएं जीरा (-32.25 प्रतिशत), अदरक (-30.92 प्रतिशत), सूखी मिर्च (-11.27 प्रतिशत), बैंगन (-9.94 प्रतिशत), घरेलू गैस (-9.29 प्रतिशत) थीं।

सरकार ने केंद्रीय बैंक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया हुआ है कि खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर बनी रहे।

मुद्रास्फीति में आई हालिया नरमी को ध्यान में रखते हुए पिछले सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नीतिगत दर रेपो में पांच साल के अंतराल के बाद 0.25 प्रतिशत की कटौती की।

एनएसओ ने कहा कि जनवरी, 2025 में ग्रामीण क्षेत्र में कुल और खाद्य मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई। जनवरी में यह 4.64 प्रतिशत थी, जबकि दिसंबर में यह 5.76 प्रतिशत थी।

ग्रामीण क्षेत्र में खाद्य मुद्रास्फीति जनवरी में 6.31 प्रतिशत थी, जो दिसंबर, 2024 में 8.65 प्रतिशत थी।

इसी तरह, शहरी मुद्रास्फीति जनवरी में 3.87 प्रतिशत रह गई जो दिसंबर 2024 में 4.58 प्रतिशत थी। शहरों में खाद्य मुद्रास्फीति दिसंबर में 7.9 प्रतिशत से घटकर जनवरी, 2025 में 5.53 प्रतिशत रह गई।

इसी तरह, शहरी मुद्रास्फीति जनवरी में गिरकर 3.87 प्रतिशत रह गई, जो दिसंबर, 2024 में 4.58 प्रतिशत थी। खाद्य मुद्रास्फीति घटकर जनवरी, 2025 में 5.53 प्रतिशत रह गई, जो दिसंबर में 7.9 प्रतिशत थी।

एनएसओ ने कहा, “जनवरी, 2025 में कुल मुद्रास्फीति और खाद्य मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों, अंडों, दालों एवं उत्पादों, अनाज एवं उत्पादों, शिक्षा, कपड़े और स्वास्थ्य की मुद्रास्फीति में गिरावट के कारण है।”

आंकड़ों से पता चला कि जनवरी में राष्ट्रीय औसत से अधिक मुद्रास्फीति वाले शीर्ष पांच राज्य केरल (6.76 प्रतिशत), ओडिशा (6.05 प्रतिशत), छत्तीसगढ़ (5.85 प्रतिशत), हरियाणा (5.1 प्रतिशत) और बिहार (5.06 प्रतिशत) थे।

वहीं जनवरी में सबसे कम मुद्रास्फीति दिल्ली में 2.02 प्रतिशत रही।

इन आंकड़ों पर रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति उम्मीद से कहीं अधिक तेजी से घटकर पांच महीने के निचले स्तर पर आ गई, जिसका मुख्य कारण खाद्य वस्तुओं में नरमी रही। इस गिरावट ने नीतिगत ब्याज दर में कटौती के आरबीआई के फैसले की भी पुष्टि की।

भाषा अनुराग प्रेम

प्रेम



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