क्वाड ने समुद्री सुरक्षा के नये उपाय पेश किए |

Ankit
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विलमिंगटन (अमेरिका), 22 सितंबर (भाषा) ‘क्वाड’ (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) के शीर्ष नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए बड़े कदमों को पेश करने के साथ ही यूक्रेन में स्थायी शांति का आह्वान किया।


वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यह समूह नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था के पक्ष में है और राष्ट्रों की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है।

‘क्वाड’ शिखर सम्मेलन की मेजबानी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने शनिवार को डेलावेयर में अपने गृहनगर विलमिंगटन में की, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने हिस्सा लिया।

क्वाड नेताओं ने चीन का सीधे नाम लिए बिना, दक्षिण चीन सागर और उसके आसपास के जलक्षेत्र की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई तथा उस क्षेत्र में तटरक्षक और समुद्री मिलिशिया जहाजों के ‘‘खतरनाक’’ उपयोग की निंदा की।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता पर साझा चिंताओं के मद्देनजर क्वाड नेताओं ने ऐसी किसी भी ‘‘एकतरफा’’ कार्रवाई का कड़ा विरोध किया, जो बलपूर्वक यथास्थिति को बदलने की कोशिश करती है।

नेताओं ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘हम एक ऐसा क्षेत्र चाहते हैं, जहां कोई देश हावी न हो और किसी देश का वर्चस्व न हो, जहां सभी देश किसी भी तरह की बलपूर्वक कार्रवाई से मुक्त हों, और अपने भविष्य को निर्धारित करने के लिए अपनी एजेंसी का प्रयोग कर सकें।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को शिखर सम्मेलन में कहा, ‘‘स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी प्राथमिकता है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘क्वाड नेता ऐसे समय में एकत्र हुए हैं, जब पूरी दुनिया तनाव और संघर्ष से घिरी हुई है। ऐसे समय में क्वाड का अपने लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ मिलकर काम करना पूरी मानव जाति के लिए अहम है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान, और सभी मुद्दों का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान करने के पक्ष में हैं।’’

एक संयुक्त वक्तव्य में नेताओं ने समुद्री सुरक्षा, बुनियादी ढांचे से लेकर उभरती प्रौद्योगिकियों तथा मानवीय सहायता एवं आपदा राहत तक के क्षेत्रों में अनेक महत्वाकांक्षी पहलों की घोषणा की।

शिखर सम्मेलन का एक प्रमुख परिणाम संयुक्त तट रक्षक अभियान से जुड़ा निर्णय था, जिसके तहत समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने और भविष्य में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अन्य अभियानों को जारी रखने के लिए 2025 में पहली बार ‘क्वाड-एट-सी’ जहाज पर्यवेक्षक मिशन शुरू किया जाएगा।

नेताओं ने हिंद-प्रशांत में प्रशिक्षण के लिए एक नयी क्षेत्रीय समुद्री पहल (मैत्री) की भी घोषणा की, ताकि साझेदारों को हिंद-प्रशांत समुद्री क्षेत्र जागरूकता (आईपीएमडीए) और अन्य क्वाड पहल के माध्यम से प्रदान किए गए उपकरणों का अधिकतम लाभ उठाने में सक्षम बनाया जा सके।

इसका उद्देश्य जलक्षेत्र की निगरानी और सुरक्षा करना, कानूनों को लागू करना और गैरकानूनी व्यवहार को रोकना है।

आईपीएमडीए की घोषणा मई 2022 में की गई थी, जो भागीदार देशों को अपने तटों पर जलक्षेत्र की पूरी निगरानी करने और क्षेत्र में शांति व स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद करने की अनुमति देता है।

नेताओं ने कहा, ‘‘हम 2025 में भारत की मेजबानी में पहली ‘मैत्री’ कार्यशाला के आयोजन को लेकर उत्सुक हैं। इसके अलावा, हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था को बनाए रखने के प्रयासों का समर्थन करने के लिए ‘क्वाड’ समुद्री कानूनी वार्ता की शुरुआत का स्वागत करते हैं।

उन्होंने कहा कि क्वाड साझेदार आगामी वर्ष में आईपीएमडीए में नयी तकनीक और डेटा जोड़ने के इच्छुक हैं, ताकि क्षेत्र को अत्याधुनिक क्षमता और जानकारी प्रदान करना जारी रखा जा सके।

क्वाड नेताओं ने यूक्रेन में जारी युद्ध पर ‘‘गहरी चिंता’’ व्यक्त की।

संयुक्त वक्तव्य में नेताओं ने कहा, ‘‘युद्ध शुरू होने के बाद से हम में से प्रत्येक ने यूक्रेन का दौरा किया है, और इसे प्रत्यक्ष रूप से देखा है। हम अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों एवं सिद्धांतों के अनुरूप, संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान सहित स्थायी शांति की आवश्यकता को दोहराते हैं।’’

भाषा शफीक पारुल

पारुल



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