क्रिकेट के मैदान पर शारीरिक टकराव की कोई जगह नहीं: हॉकले |

Ankit
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मेलबर्न, 27 दिसंबर (भाषा) क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ निक हॉकले ने ऑस्ट्रेलिया के पदार्पण करने वाले युवा सैम कोंस्टास के साथ विराट कोहली की टक्कर की आलोचना करते हुए कहा कि क्रिकेट मैदान में शारीरिक टकराव की कोई जगह नहीं है।


बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के चौथे टेस्ट के शुरूआती दिन बृहस्पतिवार को आस्ट्रेलियाई पारी के दसवें ओवर के बाद जब खिलाड़ी एक दूसरे के सामने से गुजर रहे थे तब कोहली और कोंस्टास के कंधे टकरा गए थे ।

दोनों खिलाड़ियों ने पलटकर एक दूसरे को घूरकर देखा और कुछ बोले भी । इस बीच आस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा ने आकर दोनों को अलग किया । मैदानी अंपायरों ने भी दोनों से बात की ।

इस घटना के बाद भारतीय क्रिकेटर पर मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया और उनके खाते में एक डिमैरिट अंक जोड़ा गया।

हॉकले ने ‘एसईएन रेडियो’ से कहा, ‘‘ यह देखकर बहुत अच्छा नहीं लग रहा था, मेरा मतलब है कि आप जानते हैं कि क्रिकेट के मैदान पर शारीरिक टकराव पूरी तरह से वर्जित है, इसलिए यह बहुत अच्छा नहीं था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि विराट ने आरोप स्वीकार करके स्पष्ट रूप से जिम्मेदारी ली है।’’

पहले दिन का खेल समाप्त होने के बाद कोंस्टास ने कहा कि कोहली जान बूझकर उनसे नहीं टकराये थे । उन्होंने कहा ,‘‘ विराट कोहली गलती से मुझसे टकराये थे । यह क्रिकेट है और तनाव में ऐसा हो जाता है ।’’

कोंस्टास ने दूसरे सत्र के दौरान चैनल 7 से कहा ,‘‘ मुझे लगता है कि हम दोनों पर जज्बात हावी हो गए थे । मुझे समझ में ही नहीं आया । मैं अपने दस्ताने पहन रहा था कि अचानक उनका कंधा मुझसे टकराया । क्रिकेट में यह सब होता रहता है ।’’

आईसीसी की आचार संहिता के अनुसार क्रिकेट में किसी भी तरह का अनुचित शारीरिक संपर्क निषिद्ध है । अगर खिलाड़ी किसी दूसरे खिलाड़ी या अंपायर से टकराते हैं या कंधे लगाते हैं , चाहे जान बूझकर या अनजाने में तो इस नियम का उल्लंघन माना जायेगा ।

हॉकले ने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि यह (इस तरह के मामले में सजा) अधिकारियों के लिए है। मुझे यहां अधिकारियों का एक अनुभवी पैनल मिला है। यहां मुख्य बात यह है कि विराट ने इस घटना की जिम्मेदारी ले ली है।’’

ऑस्ट्रेलिया के युवा खिलाड़ी की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ यह मैच रेफरी के लिए है, एक बहुत ही स्पष्ट नियम है और इसे अधिकारियों को तय करना है। मुझे लगता है कि यह सब सामान्य तरीके से किया गया है।’’

भाषा आनन्द

आनन्द



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