कोच की जान बचाए जाने के बाद मुक्केबाजी रिंग में उज्बेकिस्तान का दबदबा

Ankit
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पेरिस, 11 अगस्त (एपी) उज्बेकिस्तान के प्रिय मुख्य मुक्केबाजी कोच तुलकिन किलिचेव को पेरिस ओलंपिक में अपनी टीम के पहले स्वर्ण पदक का जश्न मनाने के बाद ब्रिटेन के ट्रेनिंग स्टाफ के दो सदस्यों ने दिल का दौरा पड़ने से बचाया। देश के मुक्केबाजों ने इसकी पुष्टि की।


उज्बेकिस्तान की टीम ने पेरिस खेलों में पांच स्वर्ण पदक जीते जो 20 वर्षों में किसी भी ओलंपिक टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इस तरह किलिचेव के मुक्केबाजों ने अपने कोच को जश्न मनाने का मौका दिया जो पेरिस के एक अस्पताल में भर्ती हैं।

बखोदिर जलोलोव ने अपना दूसरा सुपर हैवीवेट स्वर्ण पदक जीतने के बाद कहा, ‘‘(किलिचेव) वास्तव में एक कोच या पिता से कहीं अधिक हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने हमें पाला है। उन्होंने हमें शिक्षित किया है। उन्होंने हम तक खेल भावना पहुंचाई है। वह हमेशा मेरे दिल में रहे हैं और कल हम उनसे अस्पताल में मिलने जाएंगे।’’

फ्लाईवेट वर्ग में हसनबाय दुसमातोव के गुरुवार को उज्बेकिस्तान का पहला स्वर्ण पदक जीतने के बाद किलिचेव बीमार पड़ गए। ग्रेट ब्रिटेन मुक्केबाजी के अनुसार टीम के डॉक्टर हरज सिंह और फिजियोथेरेपिस्ट रॉबी लिलीस ने किलिचेव को जानलेवा संकट में पाया। उन्होंने कोच को सीपीआर दिया और लिलीस ने डिफाइब्रिलेटर (हृदय गति सामान्य करने के लिए इस्तेमाल होने वाली मशीन) का भी इस्तेमाल किया।

जलोलोव ने कहा कि किलिचेव पिछले दो दिन से टीम के संपर्क में हैं और उनके मुक्केबाजों ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया।

जलोलोव शनिवार रात पोडियम पर चढ़ने वाले उज्बेकिस्तान के पांच पेरिस ओलंपिक चैंपियन में से आखिरी थे। टीम ने क्यूबा के बाद सर्वश्रेष्ठ ओलंपिक प्रदर्शन किया जिसने 2004 एथेंस खेलों में पांच स्वर्ण पदक जीते थे।

एपी सुधीर

सुधीर



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