शिमला, चार मार्च (भाषा) हिमाचल प्रदेश सरकार और पटवारी एवं कानूनगो संघ के बीच गतिरोध मंगलवार को भी जारी रहा। संघ ने उन्हें ‘राज्य कैडर’ घोषित करने के सरकार के रुख की आलोचना की और कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं उनका अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगा।
संघ के महासचिव चंद्र मोहन ने मंगलवार को बताया कि सरकार द्वारा पटवारियों एवं कानूनगो को ‘राज्य कैडर’ घोषित करने के निर्णय के बाद संघ के प्रतिनिधियों ने देहरा में तथा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू से मुलाकात की थी तथा उन्हें इस निर्णय से उनके कैडर पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जानकारी दी थी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया था, लेकिन सरकार ने अधिसूचना जारी कर उन्हें ‘राज्य कैडर’ घोषित कर दिया।
सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में घोषणा की गई है कि राजस्व विभाग के सभी नायब तहसीलदारों, कानूनगो और पटवारियों का मंडल/जिला/बंदोबस्त कैडर तत्काल प्रभाव से सभी उद्देश्यों के लिए ‘‘राज्य कैडर’’ होगा। इससे पहले ये कर्मचारी जिला कैडर के कर्मी थे।
मोहन ने कहा, ‘‘हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं और इसमें करीब 3500 पटवारी और कानूनगो शामिल हैं।’’
उन्होंने कहा कि ‘राज्य कैडर’ में समस्याएं पैदा होंगी और वरिष्ठता एवं पदोन्नति के मुद्दे होंगे तथा कर्मचारियों को नुकसान उठाना पड़ेगा।
एक अन्य नेता उर्मिला शर्मा, पटवारी (शिमला ग्रामीण) ने कहा कि वे पहले दिन से ही उन्हें राज्य कैडर कर्मचारी बनाने के फैसले का विरोध कर रही हैं।
इस बीच, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि पटवारियों एवं कानूनगो संघ की कई मांगें मान ली गई हैं, लेकिन यदि वे फिर भी हड़ताल जारी रखना चाहते हैं तो यह नियम के विरुद्ध होगा और जरूरत पड़ने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
भाषा धीरज राजकुमार
राजकुमार