नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) गिरीश चंद्र मुर्मू ने बुधवार को कहा कि संस्थान लेखा परीक्षा रिपोर्ट तेजी से लिखने के लिए अपना खुद का कृत्रिम मेधा (एआई) प्रोटोकॉल विकसित कर रहा है।
उन्होंने कहा, ”आंकड़ों के विश्लेषण और अन्य विभिन्न चीजों के लिए, हमारे पास अपनी प्रणाली है… (लेखा परीक्षा रिपोर्ट) लिखने के लिए हमने अभी शुरुआत की है।”
उन्होंने कहा, ”आंकड़े हमारे लेखा परीक्षक मौके पर रिकॉर्ड से जुटाते हैं… कुछ मामलों में, हमें अपनी आवश्यकता के अनुसार इनका फिर से वर्गीकरण करना पड़ता है। इसके लिए हम एनालिटिक्स चलाते हैं… एनालिटिक्स के जरिए इन्हें छांटा जाता है।”
मुर्मू ने कहा कि एक बार आंकड़ों की छंटनी हो जाने और आवश्यकता के अनुसार वर्गीकरण और एकीकरण हो जाने के बाद, आंकड़ों का विश्लेषण करने में एल्गोरिदम को लेकर पक्षपात शायद ही कभी होता है।
उन्होंने कहा कि आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान संसद और राज्य विधानसभाओं, दोनों में लगभग 35 लेखा परीक्षा रिपोर्ट पेश की जाएंगी।
सीएजी कार्यालय एक वर्ष में लगभग 200 रिपोर्ट पेश करता है।
एशियाई सर्वोच्च लेखा परीक्षा संस्थानों के संगठन (एएसओएसएआई) की 16वीं सभा के बारे में मुर्मू ने कहा कि बैठक में विभिन्न रणनीतिक और वित्तीय रिपोर्टों को मंजूरी दी गई। इनमें संगठन की रणनीतिक योजना 2022-2027 पर मध्यावधि रिपोर्ट, बैंकॉक घोषणा 2021 के परिणामों पर रिपोर्ट सहित कई रिपोर्ट शामिल हैं। इसके अलावा, नयी सहयोग और अनुसंधान परियोजनाओं तथा नियामक सुधारों की पेशकश की गई।
भारत ने 2024-2027 कार्यकाल के लिए एएसओएसएआई की अध्यक्षता संभाली है।
भाषा पाण्डेय अनुराग
अनुराग