कोच्चि, पांच फरवरी (भाषा) केरल में लोगों को स्कूटर, सिलाई मशीन, घरेलू उपकरण और लैपटॉप आधी कीमत पर देने का वादा करके करोड़ों रुपये की ठगी करने के आरोप में 26 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
केरल के मुवत्तुपुझा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, आरोपी आनंदु कृष्णन 2022 से बड़ी कंपनियों के कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) फंड का उपयोग करके आधे दामों पर दोपहिया वाहन, घरेलू उपकरण आदि उपलब्ध कराने का वादा करता रहा था।
सीएसआर फंड का मतलब है कि कॉर्पोरेट कंपनियां गैर सरकारी संगठन (एनजीओ), चैरिटीज और अन्य सामाजिक उद्यमों को उनके सामाजिक जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं।
मुवत्तुपुझा और इडुक्की जिलों में कृष्णन के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के कई मामलों के अलावा उसके खिलाफ (कृष्णन) और कांग्रेस पार्टी की नेता लाली विंसेंट सहित छह अन्य पर कन्नूर जिले में उन्हीं अपराधों के लिए एक नया मामला दर्ज किया गया है।
कन्नूर में गैर सरकारी संगठन- सरदार पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड रिसर्च एंड डेवलपमेंट स्टडीज (एसपीआईएआरडीएस) द्वारा किए गए लेन-देन के संबंध में प्राप्त 400 से अधिक शिकायतों के आधार पर मामला दर्ज किया गया है एसपीआईएआरडीएस में विंसेंट कानूनी सलाहकार हैं।
कांग्रेस नेता ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कृष्णन का बचाव किया और कहा कि वह ऐसा व्यक्ति नहीं है जो इस तरह की धोखाधड़ी करेगा। उन्होंने कहा, “वह मेरे लिए बेटे जैसा है।’’
विंसेंट ने दावा किया कि कृष्णन को बलि का बकरा बनाया गया है क्योंकि जिन लोगों ने उसे सीएसआर फंड दिलाने का वादा किया था वे अब पीछे हट गए।
उन्होंने कहा, ‘‘कृष्णन ने हताशा में कुछ चीजें की होंगी।’’
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि उन्होंने (कृष्णन) कई परिवारों को दोपहिया वाहन, सिलाई मशीन आदि उपलब्ध कराईं।
विंसेंट ने बताया कि उन्होंने एसपीआईएआरडीएस और कृष्णन के लिए कानूनी सलाहकार और वकील के रूप में काम किया और यहां तक कि उनके कई समझौतों का मसौदा भी तैयार किया, जिसके लिए उन्हें कानूनी फीस का भुगतान किया गया।
‘कन्नूर सीड सोसाइटी’ के सचिव की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई, जिसमें दावा किया गया कि एसपीआईएआरडीएस के सदस्यों ने सोसाइटी को आधे दाम पर स्कूटर उपलब्ध कराने का वादा किया था और एनजीओ के खाते में लगभग 2.96 करोड़ रुपये जमा करने के लिए राजी किया था।
शिकायत में कहा गया कि वादा किए गए स्कूटरों में से कोई भी उपलब्ध नहीं कराया गया।
इस बीच, ‘सीड सोसाइटी’ के सैकड़ों सदस्यों ने कन्नूर टाउन पुलिस थाने में पहुंचकर सोसाइटी के सचिव पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया तथा उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
उन्होंने एक टीवी चैनल को बताया कि उन्होंने पैसा इसलिए जमा किया क्योंकि उनके परिचित कुछ लोगों को लैपटॉप, सिलाई मशीन, पानी की टंकी, वाटर प्यूरीफायर, खाद्य किट आदि आधी कीमत पर मिल गए थे।
मुवत्तुपुझा के पुलिस के एक अधिकारी ने इससे पहले दिन में बताया था कि आरोपी कृष्णन ने मुवत्तुपुझा सामाजिक-आर्थिक विकास नामक सोसाइटी बनाई थी। आरोपी ने इस सोसाइटी के सदस्यों से उसके द्वारा स्थापित की गई एक ‘कंसल्टेंसी’ में पैसा जमा करने का आग्रह किया था और दावा किया था कि वह उन्हें आधी कीमत पर दोपहिया वाहन उपलब्ध करा सकता है।
उन्होंने बताया कि आरोपी ने अपने नाम से विभिन्न ‘कंसल्टेंसी’ कंपनी स्थापित की थीं और इनसे वह लेन-देन करता था।
पुलिस ने बताया कि आरोपी ने लोगों को यह भरोसा दिलाया कि वह राष्ट्रीय एनजीओ महासंघ का राष्ट्रीय समन्वयक है और उसे भारत में विभिन्न कंपनियों के सीएसआर फंड के प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
अधिकारी ने बताया, ‘‘जांच के दौरान पता चला कि इस तरह से मुवत्तुपुझा से लगभग नौ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई।’’
उन्होंने बताया कि मुवत्तुपुझा और इडुक्की जिलों में आरोपी के खिलाफ दर्ज मामलों के आधार पर पता चला कि उसने लोगों से 20 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की है।
अधिकारी ने बताया कि पूरे राज्य में उसके खिलाफ शिकायतें मिली हैं।
पुलिस ने बताया कि इस धोखाधड़ी के मामले में कुछ नेताओं की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा कि कई कंपनियों को तो यह भी पता नहीं था कि आरोपी उनके सीएसआर फंड का वादा करके धोखाधड़ी कर रहा है।
पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपी ने स्वीकार किया कि उसे अब तक किसी भी कंपनी से कोई सीएसआर फंड नहीं मिला है।
भाषा
प्रीति नरेश
नरेश