कोच्चि (केरल), तीन मार्च (भाषा) कोच्चि की एक अदालत ने पांच साल पहले केरल की 14 वर्षीय एक लड़की के यौन उत्पीड़न के मामले में सोमवार को उत्तर प्रदेश के पांच लोगों को आजीवन कारावास और अतिरिक्त 40 साल की कैद की सजा सुनाई।
पेरुम्बवूर त्वरित (पॉक्सो) विशेष अदालत के न्यायाधीश दिनेश एम पिल्लई ने फरहाद खान, हारून खान, आशु, फईम और शाहिद को मामले में दोषी पाया।
यह अपराध 2020 में हुआ था। पांचों आरोपी प्रवासी मजदूर हैं और वे पीड़िता के घर के पास ही रह रहे थे।
पुलिस के मुताबिक कोविड-19 महामारी के दौरान आरोपियों ने हिंदी बोलने में माहिर इस लड़की को सिम कार्ड दिलाने का वादा करके अपने जाल में फंसाया। इसके बाद वे उसे अकेले-अकेले एवं समूह में भी अलग-अलग जगहों पर ले गए, जहां उन्होंने उसका यौन शोषण किया।
हारून खान को एक मामले में 40 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई तथा उस पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
फरहाद खान को एक मामले में बरी कर दिया गया, लेकिन दो अन्य मामलों में उसे आजीवन कारावास एवं 60 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। उस पर 1.5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
शाहिद खान को एक मामले में आजीवन कारावास एवं 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई तथा उस पर 75,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
आशु को एक मामले में 40 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई तथा उस पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
फईम को दो मामलों में दोहरे आजीवन कारावास और 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई तथा उस पर 1.5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
भाषा राजकुमार वैभव
वैभव