केजीएमयू में वेंटिलेटर न मिलने से हृदय रोगी की मौत, परिजनों ने दर्ज कराई शिकायत |

Ankit
4 Min Read


लखनऊ, 26 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के लखनऊ में किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) एवं अस्पताल में कथित तौर वेंटीलेटर नहीं मिलने के बाद एक मरीज की दूसरे अस्पताल में ले जाते समय रास्ते में मौत हो गयी।


मृतक के परिजनों ने इस सिलसिले में लखनऊ के वजीरगंज थाने में शिकायत देकर केजीएमयू के चिकित्सकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की।

वहीं केजीएमयू प्रशासन ने मंगलवार को दावा किया कि मरीज को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया गया और वेंटीलेटर के अभाव में उन्हें दूसरे संस्थान में एंबुलेंस से स्थानांतरित किया गया।

वजीरगंज थाने के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) दिनेश चंद्र मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि शिकायत प्राप्त हुई है हालांकि अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है।

अधिकारी ने इससे अधिक ब्यौरा देने से इनकार कर दिया।

परिजनों के अनुसार, दुबग्गा थाना क्षेत्र के रहने वाले अबरार अहमद (60) की 2018 में एंजियोप्लास्टी हुई थी।

परिजनों ने बताया कि रविवार रात तबीयत बिगड़ने पर अहमत को केजीएमयू के आपात चिकित्सा कक्ष में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने उनकी हालत देखने के बाद तत्काल वेंटिलेटर की जरूरत बताई लेकिन वेंटिलेटर खाली नहीं होने से उन्हें दूसरे अस्पताल ले जाने को कहा गया।

मृतक के बेटे सैफ ने आरोप लगाया है कि उसके पिता हाथ जोड़कर चिकित्सकों के सामने गिडगिडाते रहे लेकिन उन्हें वेंटीलेटर नहीं मिला।

सैफ ने दावा किया कि अस्पताल के आपातकालीन विभाग में उसके पिता को कथित रूप से तीन चार इंजेक्शन लगाए गये, जिसके बाद उनकी नाक और मुंह से खून आने लगा।

मृतक के बेटे ने बताया कि उसके पिता को राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान स्थानांतरित कर दिया गया और रास्ते में उनकी मौत हो गयी।

वहीं केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उपचार में पूरी तत्परता बरती गयी।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को भेजे एक लिखित बयान में बताया कि अस्पताल लाये गये 60 वर्षीय बुजुर्ग मरीज को दिल की गंभीर बीमारी थी।

सिंह ने बयान में बताया कि मरीज में वर्ष 2018 में गंभीर हृदय रोग की पुष्टि हुई थी और उसके बाद मरीज ने एंजियोप्लास्टी कराई थी।

बयान के अनुसार, एंजियोप्लास्टी के बाद डॉक्टर ने समय-समय पर जांच के लिए बुलाया था लेकिन मरीज नहीं आया।

सिंह ने बताया कि तबीयत बिगड़ने पर मरीज को दिल की धड़कन रुकने की गंभीर अवस्था में लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे तुरंत भर्ती कर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा।

उन्होंने बताया कि मरीज की हालत गंभीर थी और सांस लेने में तकलीफ की वजह से चिकित्सकों ने वेंटिलेटर की जरूरत बताई और दुर्भाग्य से सभी आईसीयू-वेंटिलेटर बेड भरे हुए थे।

बयान के अनुसार, मरीज को तुरंत संजय गांधी पीजीआई व डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान ले जाने की सलाह दी गई और मरीज को दूसरे संस्थान ले जाने के लिए एम्बुलेंस भी उपलब्ध कराई गई लेकिन सारे प्रयास के बावजूद दुर्भाग्य से मरीज को बचाया नहीं जा सका।

भाषा आनन्द जितेंद्र

जितेंद्र



Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *