नयी दिल्ली, सात जनवरी (भाषा) दिल्ली विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की मंगलवार को घोषणा किये जाने के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में राजनीतिक पारा चढ़ गया है, जहां नई दिल्ली, कालकाजी और जंगपुरा जैसे प्रमुख निर्वाचन क्षेत्र पर सभी की नजरें हैं।
दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए 5 फरवरी को मतदान होगा और चुनाव परिणाम 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।
तीन प्रमुख दलों – आम आदमी पार्टी(आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस – के दिग्गज उम्मीदवारों के बीच हाई-प्रोफाइल निर्वाचन क्षेत्रों में कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है।
नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र राजनीतिक सरगर्मी का केंद्र बना हुआ है, क्योंकि ‘आप’ प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस सीट से पुनः चुनाव लड़ रहे हैं, जिसका वह एक दशक से अधिक समय से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
केजरीवाल के सामने दिल्ली के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटों की उम्मीदवार के तौर पर घोषणा की गई है। इनमें भाजपा के प्रवेश सिंह वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित शामिल हैं। प्रवेश, पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। वहीं संदीप, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे हैं।
केजरीवाल ने पिछले तीन विधानसभा चुनावों – 2013, 2015 और 2020 में नई दिल्ली सीट से जीत हासिल की थी।
दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के कालकाजी में मुख्यमंत्री आतिशी अपनी सीट बरकरार रखने के लिए चुनाव लड़ेंगी। आतिशी को दक्षिण दिल्ली से पूर्व सांसद भाजपा के रमेश बिधूड़ी, और कांग्रेस की अखिल भारतीय महिला कांग्रेस अध्यक्ष अलका लांबा चुनौती देंगी।
पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अपनी पारंपरिक पटपड़गंज सीट छोड़कर दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के जंगपुरा से चुनाव लड़ रहे हैं।
सिसोदिया के इस कदम को लेकर अटकलों को बल मिला है, क्योंकि 2020 में उन्होंने पटपड़गंज से मात्र 3,207 वोटों से जीत दर्ज की थी।
जंगपुरा में सिसोदिया का मुकाबला भाजपा के तरविंदर सिंह मारवाह और कांग्रेस के फरहाद सूरी से है।
भाषा सुभाष पवनेश
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