नयी दिल्ली, 13 फरवरी (भाषा) राज्यसभा में बृहस्पतिवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा की एक सदस्य ने आरोप लगाया कि ‘सबका साथ सबका विकास’ के सरकार के दावे के बावजूद केंद्रीय बजट 2025-26 में विपक्ष शासित राज्यों के साथ भेदभाव किया गया है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सदस्य महुआ माजी ने बजट पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि यह विपक्ष शासित राज्यों के साथ भेदभाव करता दिखता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह बजट भाजपा शासित राज्यों का पक्ष लेता हुआ और झारखंड जैसे विपक्ष शासित राज्यों में राष्ट्रीय परियोजनाओं के आवंटन में भेदभाव करता साफ प्रतीत होता है।’’
उन्होंने कहा कि केंद्र ने झारखंड को उसकी कोयला रॉयल्टी का भुगतान नहीं किया है जबकि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बार-बार केंद्र को इस संबंध में पत्र लिखा है। उन्होंने झरिया के कोयला खानों में वर्षों से लगी आग का भी मुद्दा उठाया और उस पर काबू पाने के लिए केंद्र से मदद देने को कहा।
उन्होंने सहारा कंपनी में निवेश करने वाले लोगों से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए कहा कि कंपनी ने निवेशकों को बे-सहारा कर दिया है।
झामुमो सदस्य ने कहा कि राज्य के कुछ स्थानों पर पानी की भीषण किल्लत है और वहां सभी जलाशय सूख गए हैं, जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
उन्होंने झारखंड के मानसिक आरोग्यशाला का जिक्र करते हुए केंद्र पर आरोप लगाया कि केंद्र उसकी भी अनदेखी कर रहा है।
चर्चा में भाग लेते हुए द्रमुक सदस्य आर गिरिराजन ने आरोप लगाया कि केंद्र ने बजट में तमिलनाडु के साथ सौतेला व्यवहार किया है। उन्होंने कहा कि देश के कुल कर संग्रह में तमिलनाडु के योगदान को ध्यान में रखते हुए उसकी हिस्सेदारी होनी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि जीडीपी में कम योगदान देने वाले राज्यों को बजट में अधिक आवंटन किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार कहा था कि उनकी सरकार में किसी राज्य के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा लेकिन उनकी सरकार विपक्ष शासित राज्यों के साथ ‘सौतेला व्यवहार’ कर रही है।
भाषा अविनाश माधव
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