चंडीगढ़, एक फरवरी (भाषा) पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने शनिवार को केंद्रीय बजट को ‘पूरी तरह से निराशाजनक’ करार देते हुए दावा किया कि फसल विविधीकरण के लिए पैकेज समेत राज्य की एक भी मांग को पूरा नहीं किया गया है जो दर्शाता है कि भाजपा इस सीमावर्ती राज्य से कितनी ‘नफरत’ करती है।
चीमा ने कहा कि 2025-26 का केंद्रीय बजट बिहार के चुनाव पर केंद्रित है और यह राष्ट्र की जरूरतों पर ध्यान देने के बजाय भाजपा के राजनीतिक हितों को पूरा करता है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में अपना आठवां बजट पेश किया।
चीमा ने मीडिया को संबोधित करते हुए इस बात पर निराशा व्यक्त की कि पिछले वर्ष 20 दिसंबर को राजस्थान के जैसलमेर में आयोजित बजटपूर्व बैठक के दौरान पंजाब सरकार द्वारा रखी गई मांगों में से कोई भी मांग बजट में पूरी नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि बजट केंद्र में भाजपा के साथ गठबंधन करने वाली पार्टियों की सत्ता वाले राज्यों के अलावा अन्य राज्यों के नामों का उल्लेख करने में ‘विफल’ रहा, जिससे विशिष्ट राज्यों के प्रति प्रधानमंत्री का ‘पक्षपातपूर्ण रवैया’ उजागर होता है।
उन्होंने कहा कि राज्य ने पाकिस्तान के साथ लगती 550 किलोमीटर की सीमा पर पुलिस अवसंरचना को मजबूत करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये की भी मांग की थी।
इस बीच, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बजट में देश के समावेशी विकास के लिए कुछ नहीं किया गया और सिर्फ चुनावी राज्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि केंद्रीय बजट में राज्य के किसानों को कुछ नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह दूरदर्शी बजट न होकर किसानों के साथ धोखा है।’’
इस बीच, प्रदेश भाजपा के महासचिव अनिल सरीन ने बजट की सराहना करते हुए कहा कि इसमें किसानों, महिलाओं, गरीबों, युवाओं और उद्योग समेत हर वर्ग का ख्याल रखा गया है।
भाषा राजकुमार धीरज
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