प्रयागराज (उप्र), 11 फरवरी (भाषा) मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में मंगलवार को सुनवाई टाल दी गई और उसकी अगली तिथि पांच मार्च, 2025 तय की गई।
न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन के सेवानिवृत्त होने के बाद न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं।
मंगलवार को मुस्लिम पक्ष द्वारा दाखिल संशोधन के आवेदन पर सुनवाई होनी थी, लेकिन चूंकि इसकी प्रति हिंदू पक्ष को उपलब्ध नहीं कराई गई थी, इसलिए उच्च न्यायालय ने इसे हिंदू पक्ष को उपलब्ध कराने का आदेश दिया और सुनवाई की अगली तिथि पांच मार्च तय की।
शाही ईदगाह मस्जिद का ढांचा हटाकर उस जमीन का कब्जा लेने और वहां पर मंदिर बहाल किए जाने की मांग करते हुए 18 मुकदमे दाखिल किये गये हैं।
इससे पूर्व, एक अगस्त, 2024 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हिंदू पक्षों द्वारा दायर इन मुकदमों की पोषणीयता (सुनवाई योग्य) को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी थी।
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि ये मुकदमे समय सीमा, वक्फ अधिनियम और पूजा स्थल अधिनियम, 1991 से बाधित नहीं हैं।
पूजा स्थल अधिनियम किसी भी धार्मिक ढांचे को जो 15 अगस्त, 1947 को मौजूद था, उसे परिवर्तित करने से रोकता है।
उच्च न्यायालय ने 23 अक्टूबर, 2024 को कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में 11 जनवरी, 2024 के आदेश को वापस लेने की मुस्लिम पक्ष की अर्जी खारिज कर दी थी। उसने 11 जनवरी, 2024 के अपने निर्णय में हिंदू पक्षों द्वारा दायर सभी मुकदमों को समेकित कर दिया था।
यह विवाद मथुरा में मुगल सम्राट औरंगजेब के समय की शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़ा है जिसे कथित तौर पर भगवान कृष्ण के जन्म स्थान पर एक मंदिर को ध्वस्त करने के बाद बनाया गया है।
भाषा राजेंद्र
राजकुमार
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