मुंबई, 21 मार्च (भाषा) दलित प्रदर्शनकारी सोमनाथ सूर्यवंशी की मौत के मामले में की गई मजिस्ट्रेट जांच के निष्कर्षों के बाद कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की और सवाल किया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस किसे बचा रहे हैं।
सूर्यवंशी की हिरासत में मौत के मामले की मजिस्ट्रेट जांच में सामने आया कि पुलिस द्वारा मारपीट किए जाने के कारण उसकी जान गई।
सपकाल ने गृह मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे फडणवीस पर आरोप लगाया कि उन्होंने पिछले साल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान घटना को लेकर दिए गए बयान में सूर्यवंशी की मौत के लिए अस्थमा को जिम्मेदार बताकर लोगों को गुमराह किया।
कांग्रेस नेता ने सूर्यवंशी की मौत के लिए जिम्मेदार परभणी के पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की भी मांग की।
सोमनाथ सूर्यवंशी (35) की पिछले साल 15 दिसंबर को परभणी के एक सरकारी अस्पताल में न्यायिक हिरासत के दौरान मौत हो गई थी। उसे कांच के बक्से में रखी संविधान की प्रति को क्षति पहुंचाए जाने को लेकर हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने दावा किया था कि सूर्यवंशी की मौत बीमारी के कारण हुई।
सपकाल ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किए जाने की मांग तब की है, जब महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग (एमएसएचआरसी) ने कहा कि मजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट के अवलोकन से पता चलता है कि न्यायिक मजिस्ट्रेट इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि सूर्यवंशी की परभणी के नव मोंढा पुलिस थाने में पिटाई की गई थी।
उन्होंने कहा कि सूर्यवंशी की मौत पुलिस की बर्बरता के कारण हुई, लेकिन मामले को दबाने के लिए इस संबंध में प्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया है।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि हिरासत के दौरान पुलिस द्वारा पिटाई किए जाने से उसकी मौत हुई, लेकिन सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अब मजिस्ट्रेट जांच में भी खुलासा हुआ है कि सूर्यवंशी की मौत पुलिस की बर्बरता के कारण हुई थी।’’
उन्होंने सवाव किया कि क्या फडणवीस सरकार आखिरकार जागेगी?
सपकाल ने कहा कि परभणी का मामला अत्यंत गंभीर है और मानवता पर कलंक है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस परभणी में संविधान की प्रति को क्षति पहुंचाए जाने की घटना को उचित ढंग से संभालने में विफल रही और इसके बजाय उसने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया, कई लोगों पर गंभीर हमले किए तथा कई अन्य को जेल में डाल दिया।
सपकाल ने आरोप लगाया, ‘‘सूर्यवंशी को गिरफ्तार किया गया। उसकी बेरहमी से पिटाई की गई और अंततः मारपीट के कारण उसकी मौत हो गई। लेकिन सरकार ने मामले को दबाने की कोशिश की।’’
कांग्रेस नेता ने मांग की कि परभणी में तलाशी अभियान और लाठीचार्ज के आदेश किसने दिए, इसकी जांच होनी चाहिए।
उन्होंने पूछा, ‘‘क्या यह आदेश मंत्रालय ने दिया था या पुलिस महानिदेशक के कार्यालय ने?’’
सपकाल ने फडणवीस पर परभणी मामले को संभालने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस की बर्बरता के कारण एक दलित युवक की मौत हो गई, लेकिन सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है, जिससे यह पता चलता है कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की मानसिकता दलित विरोधी है।
भाषा
प्रीति पारुल
पारुल