कर्नाटक के राज्यपाल ने छात्रों से कृषि के भविष्य के लिए नवाचार करने का आग्रह किया |

Ankit
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शिवमोगा (कर्नाटक), 22 जनवरी (भाषा) कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने बुधवार को कहा कि कृषि और बागवानी में बदलाव लाने में नवाचार और प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके अलावा, उन्होंने वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए नई प्रौद्योगिकियों और ‘स्मार्ट’ खेती के तरीकों को अपनाने की आवश्यकता बतायी।


गहलोत ने यह भी कहा कि जनसंख्या वृद्धि, जलवायु परिवर्तन और संसाधनों की कमी जैसे मुद्दों से निपटने के लिए जैविक खेती और स्मार्ट खेती तकनीकों को अपनाने की सख्त जरूरत है।

केलाडी शिवप्पा नायक कृषि और बागवानी विज्ञान विश्वविद्यालय के नौवें दीक्षांत समारोह के दौरान उन्होंने कहा, “नवाचार और प्रौद्योगिकी प्रगति के इस युग में कृषि और बागवानी को रचनात्मकता, तकनीकी विशेषज्ञता और कड़ी मेहनत से प्रेरित समाधानों की आवश्यकता है।”

उन्होंने कहा, “कृषि विद्यार्थी के रूप में आपकी भूमिका खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, जलवायु परिवर्तन से निपटने और मानवता के भविष्य की रक्षा करने में महत्वपूर्ण है।”

राज्यपाल कार्यालय के एक बयान के अनुसार, गहलोत ने कृषि में सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “कृषि केवल अध्ययन का विषय नहीं है – यह हमारे राष्ट्र की रीढ़ है। पर्यावरण के प्रति जागरूक समाज के निर्माण और लाखों किसानों और उद्यमियों की आजीविका को बढ़ाने के लिए आपका ज्ञान और योगदान महत्वपूर्ण है।”

बयान में कहा गया है कि दीक्षांत समारोह के दौरान राज्यपाल ने समाज में उनके महत्वपूर्ण योगदान को स्वीकार करते हुए वरिष्ठ नेता कागोडू थिम्मप्पा को मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की।

भाषा राजेश राजेश अनुराग रमण

रमण



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