मुंबई, सात फरवरी (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को साफ किया कि मौद्रिक नीति का कम प्रतिबंधात्मक नजरिया केवल इस बैठक के लिए ही है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए यह मौद्रिक नजरिया अपनाया गया, जिसने 0.25 प्रतिशत की ब्याज दर कटौती का रास्ता साफ किया।
मल्होत्रा ने कहा कि आरबीआई का लक्ष्य मध्यम अवधि में मुद्रास्फीति के आंकड़े को चार प्रतिशत पर लाना है और वह इसे दो-छह प्रतिशत के दायरे में लाकर संतुष्ट नहीं होगा।
आरबीआई का गवर्नर बनने के बाद पहली एमपीसी बैठक की अगुवाई करने वाले मल्होत्रा ने संवाददाताओं से कहा, ”यह कम प्रतिबंधात्मक नीति केवल इस विशेष एमपीसी बैठक के लिए है और आगे नहीं जाने वाली है।”
उन्होंने कहा, ”हम मुद्रास्फीति को उस लक्ष्य के अनुरूप लाने की कोशिश करेंगे, जो लक्ष्य हमें दिया गया है। साथ ही वृद्धि को भी समर्थन देंगे।”
उनसे सवाल किया गया था कि क्या आरबीआई मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत पर रखना चाहेगा या 2-6 प्रतिशत के दायरे में रहने से संतुष्ट रहेगा।
इस पर मल्होत्रा ने कहा, ”परीक्षा में पास होने के लिए 40 अंक जरूरी हैं। आप क्या चाहते हैं? क्या आप पास होना चाहते हैं, या आप बहुत अच्छा करना चाहते हैं? कुछ लोग बस पास होना चाहते हैं। आरबीआई में हम हर जगह शीर्ष पर रहना पसंद करते हैं।”
उन्होंने कहा कि आरबीआई ने इस बैठक में दरों में कटौती करने और वृद्धि का समर्थन करने का फैसला किया, क्योंकि मुद्रास्फीति में कमी आई है और आगे इसके कम होने के अनुमान हैं।
मल्होत्रा ने कहा कि केंद्रीय बैंक का रुख तटस्थ बना हुआ है, जो आगामी आंकड़ों के आधार पर रिजर्व बैंक को दोनों तरफ लचीलापन देता है।
भाषा पाण्डेय प्रेम
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