बहराइच (उप्र), नौ अप्रैल (भाषा) कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग की ककरहा वन रेंज में करीब एक वर्ष की मादा तेंदुए का शव मिला है। वन विभाग के सूत्रों के अनुसार प्रथम दृष्टया तेंदुओं के आपसी संघर्ष में उसकी मौत की आशंका जताई जा रही है।
इस वर्ष के प्रथम 100 दिन में कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के अलग-अलग क्षेत्रों में तीन तेंदुए, एक बाघ और एक हाथी के शव मिल चुके हैं। इससे पूर्व 2024 में भी यहां चार तेंदुए और एक बाघ के शव मिले थे।
वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग की ककरहा रेंज अंतर्गत चांदाझार बीट में भादा नदी के किनारे सोमवार देर रात स्थानीय ग्रामीणों ने एक तेंदुए का शव देखा और वन विभाग को सूचित किया। मृत तेंदुए के शरीर का कुछ हिस्सा किसी जानवर द्वारा खाया हुआ प्रतीत हो रहा था।
प्रभागीय वनाधिकारी बी. शिवशंकर ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम ने घटनास्थल पर पहुंच कर तेंदुए का शव कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
उन्होंने बताया कि मृत तेंदुआ करीब एक वर्ष उम्र की मादा है। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत हो रहा है कि किसी बड़े तेंदुए से संघर्ष के दौरान मादा तेंदुए की मौत हुई होगी। फिर उसी तेंदुए ने संभवतः मादा तेंदुए के शरीर को खाया होगा।
शिवशंकर ने बताया कि भारत सरकार के राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण की मानक प्रचालन प्रक्रिया में निहित प्रावधानों के अनुसार मादा तेंदुए के शव का पोस्टमार्टम तीन पशु चिकित्सकों के पैनल द्वारा मंगलवार को किया गया।
पोस्टमार्टम के समय स्थानीय जनप्रतिनिधि, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और विश्व प्रकृति निधि के प्रतिनिधि दबीर हसन मौजूद थे। इसके बाद विस्तृत परीक्षण के लिए तेंदुए के आंतरिक अंगों का विसरा भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली भेजने के लिए सुरक्षित कर लिया गया है।
भाषा सं राजेंद्र वैभव
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