गोपेश्वर, 13 अप्रैल (भाषा) उत्तराखंड के जोशीमठ में 2023 में जमीन धंसने की घटनाओं के बाद ठप पड़ा शीतकालीन पर्यटन इस बार पर्यटकों की आमद बढ़ने के साथ वापस पटरी पर लौट रहा है। पर्यटन संचालकों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
ज्योतिर्मठ में ‘होमस्टे’ चलाने वाले अजय भट्ट ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि 12 दिसंबर को औली में पहली बर्फबारी होने के बाद दिसंबर के मध्य से ही पर्यटक यहां आने लगे थे।
अजय भट्ट ने कहा, “ज्योतिर्मठ (तत्कालीन जोशीमठ) में भू-धंसाव के बाद बुरी तरह प्रभावित हुआ औली और ज्योतिर्मठ का शीतकालीन पर्यटन कारोबार इस वर्ष काफी बेहतर रहा। ज्योतिर्मठ से लेकर औली और गोरसों बुग्याल तक के क्षेत्रों में बर्फबारी दर्ज की गई। गोरसों में अब भी बर्फ जमी हुई है।’’
भट्ट ने कहा कि पिछले वर्षों की तुलना में इस सीजन में कारोबार अच्छा रहा। भट्ट औली में एक रिसॉर्ट के मालिक भी हैं और स्थानीय युवाओं को स्कीइंग का प्रशिक्षण भी देते हैं।
उत्तराखंड के चमोली जिले में औली की बर्फ से लदी ढलानें प्रमुख स्कीइंग स्थल हैं।
ज्योतिर्मठ में 2023 में जमीन धंसने से ज्योतिर्मठ और औली के बीच रोपवे संपर्कता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, तथा रोपवे स्टेशन के एक खंभे में दरारें आ गई हैं। सुरक्षा कारणों से रोपवे सेवा तब से ही निलंबित है।
भट्ट ने कहा, ‘‘हम लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि रोपवे सेवा फिर से शुरू की जाए लेकिन हमारी मांग अभी तक पूरी नहीं हुई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ज्योतिर्मठ और औली के बीच रोपवे सेवा बहाल होने से सर्दियों के दौरान पर्यटकों की आवाजाही में और वृद्धि होगी, क्योंकि इस दौरान बर्फबारी के कारण दोनों स्थानों को जोड़ने वाली सड़कें अवरुद्ध हो जाती हैं, जिससे मार्ग पर वाहनों की आवाजाही मुश्किल हो जाती है।’’
भट्ट ने कहा कि यदि सरकार औली में हेली-स्कीइंग और औली से गोरसों तक प्रस्तावित रोपवे का निर्माण करा दे, तो शीतकालीन खेलों का आयोजन अधिक समय तक हो सकेगा, जिससे अधिक पर्यटक यहां आ सकेंगे।
भाषा रवि कांत प्रशांत
प्रशांत
प्रशांत