पेरिस, दो अगस्त (एपी) पेरिस ओलंपिक में तीन माताओं के लिए नौकायन स्पर्धा में पदक जीतने के बाद अपने बच्चों के साथ जश्न मनाना बेहद खास रहा।
ब्रिटेन की अनुभवी हेलेन ग्लोवर और न्यूजीलैंड की लुसी स्पूर्स तथा ब्रुक फ्रांसिस बच्चे को जन्म देने के दो साल से भी कम समय के अंदर ओलंपिक पदक जीतने में सफल रहीं।
स्पूर्स तथा फ्रांसिस की जोड़ी ने महिला युगल स्कल्स में स्वर्ण पदक जीता, जबकि तीन बच्चों की मां ग्लोवर महिला फोर स्पर्धा में रजत पदक हासिल करने में सफल रही।
स्पूर्स और फ्रांसिस के जीत दर्ज करने के तुरंत बाद दर्शक दीर्घा में बैठे अपने बच्चों को गोद में उठा लिये।
फ्रांसिस ने कहा, ‘‘मैंने उन्हें स्टैंड में देखा और उन्हें गले लगाने में भी कामयाब रही। मुझे लगता है कि वे अपनी मां के वापस आने का इंतजार कर रहे थे।’’
न्यूजीलैंड की ये दोनों खिलाड़ी अपने बच्चों की देखभाल के मुश्किल समय के दौरान एक-दूसरे को प्रेरित करने के लिए अभ्यास सत्र के दौरान बच्चों के गीत गाते थे। वे अपने परिवारों को पेरिस ले आए ताकि प्रतियोगिता पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
फ्रांसिस ने कहा, ‘‘ यह शानदार एहसास है। बच्चों का पालन-पोषण करना आसान नहीं है। हमें इसमें परिवार और दूसरे खिलाड़ियों का भी साथ मिला हैं । यह इसे और भी अधिक खास बनाता है। हमारा परिवार यहां है और हमारे बच्चों को अब यह विरासत देखने को मिलती है।’’
स्पूर्स ने कहा कि उन्हें और फ्रांसिस को प्रतिस्पर्धियों और अन्य टीमों से समर्थन के संदेश मिल रहे थे, जिसमें कहा गया था कि वे उनका कितना सम्मान करते हैं।
स्पूर्स ने कहा, ‘‘ फ्रांसिस और मेरी स्थिति बिल्कुल एक जैसी है। मुझे लगता है कि हम जानते हैं कि हम दोनों किस दौर से गुजर रहे हैं। इससे हमें अच्छा करने की और अधिक प्रेरणा मिली।’’
ग्लोवर ने अभ्यास के दौरान अपने बच्चों को स्तनपान कराने की चुनौती के बारे में बात की है। वह अपनी रेस पूरी करने के बाद सीधे अपने बच्चों को हाई-फाइव करने गईं। उन्होंने पदक समारोह के बाद भी अपने बच्चों गले लगाया।
ग्लोवर ने कहा, ‘‘ उन्हें यह (मेरा दूसरे स्थान पर रहना और पदक मिलना) बहुत अच्छा रहा है।’’
ग्लोवर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनकी उपलब्धि अन्य खिलाड़ियों को सकारात्मक संदेश देगी।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इसे (स्तनपान) सामान्य बनाना वास्तव में महत्वपूर्ण है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह दिखाता है कि आप (मां बनने के बाद) वापसी कर सकते हैं, चाहे वह कुछ भी हो, चाहे वह काम हो, शौक हो, खेल हो या कुछ और। आप बच्चे होने के बावजूद उत्कृष्टता प्राप्त नहीं कर सकते। मुझे लगता है कि यह समाज के लिए एक संदेश है और महिलाएं जो चाहती हैं वह बनने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।’’
एपी आनन्द
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