ऑस्कर विजेता फलस्तीनी निर्देशक पर इजराइली बस्तीवासियों ने हमला किया, सेना ने हिरासत में लिया

Ankit
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यरूशलम, 25 मार्च (एपी) वेस्ट बैंक में इजराइली बस्ती के लोगों ने ऑस्कर विजेता वृत्तचित्र “नो अदर लैंड” के एक फलस्तीनी सह-निर्देशक को सोमवार को पीटा, जिसे बाद में इजराइली सेना ने हिरासत में ले लिया। यह जानकारी सह-निर्देशक के दो साथी निर्देशकों और अन्य प्रत्यक्षदर्शियों ने दी।


फिल्मकार हमदान बल्लाल की वकील लीह सेमेल ने बताया कि उनके मुवक्किल हमदान सुसिया गांव में हिरासत में लिए गए तीन फलस्तीनियों में से एक हैं। वकील के अनुसार पुलिस ने उन्हें बताया कि तीनों को उपचार के लिए एक सैन्य अड्डे पर रखा गया था। हालांकि वकील ने मंगलवार सुबह कहा कि वह उनसे संपर्क नहीं कर पा रही हैं और वे कहां हैं, उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है।

एक अन्य सह-निर्देशक बेसल अद्रा जोकि हिरासत में लिये जाने की घटना की प्रत्यक्षदर्शी है, ने बताया कि लगभग दो दर्जन बस्तीवासियों ने गांव पर हमला किया। उसने कहा कि हमलावरों में कुछ नकाबपोश, कुछ के पास बंदूकें और कुछ इजराइली वर्दी में थे। उन्होंने बताया कि वहां पहुंचे सैनिकों ने फलस्तीनियों पर अपनी बंदूकें तान दीं, जबकि निवासी पथराव करते रहे।

अद्रा ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा, ‘‘हम ऑस्कर से वापस आए हैं और तब से हर दिन हम पर हमला हो रहा है। हो सकता है कि यह फिल्म बनाने के लिए हमसे बदला लेने के लिए हो। यह एक सजा की तरह लगता है।’’

इजराइली सेना ने कहा कि उसने सेना पर पथराव करने के संदेह में तीन फलस्तीनियों को जबकि एक इजराइली नागरिक को इजराइलियों और फलस्तीनियों के बीच ‘‘हिंसक टकराव’’ में शामिल होने के लिए हिरासत में लिया है। हालांकि एपी द्वारा लिये गए साक्षात्कार में प्रत्यक्षदर्शियों ने इस दावे का खंडन किया।

इजराइली सेना ने कहा कि उसने उन्हें पूछताछ के लिए इजराइली पुलिस को सौंप दिया है और एक इजरायली नागरिक को चिकित्सा उपचार के लिए क्षेत्र से निकाला है।

इस साल ऑस्कर में सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र के लिए पुरस्कार जीतने वाली ‘नो अदर लैंड’ में मसाफर याट्टा इलाके के निवासियों द्वारा इजराइली सेना को उनके गांवों को ध्वस्त करने से रोकने के संघर्ष को दर्शाया गया है। मसाफर याट्टा के रहने वाले बल्लाल और अद्रा ने इजराइली निर्देशक युवल अब्राहम और रेचल सोर के साथ मिलकर संयुक्त फलस्तीनी-इजरायली प्रोडक्शन बनाया है।

फिल्म ने 2024 में बर्लिन अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव से लेकर कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं। इस वृत्तचित्र को लेकर इजराइल और विदेशों में भी नाराजगी उत्पन्न हुई है।

अद्रा ने कहा कि सोमवार शाम को रमजान के लिए निवासियों द्वारा रोज़ा खोलने के कुछ ही समय बाद बस्तीवासी गांव में घुस आए।

अद्रा के अनुसार एक बस्तीवासी सेना के साथ बल्लाल के घर पर आया और सैनिकों ने हवा में गोली चलाई। अद्रा के अनुसार उक्त बस्तीवासी गांव पर अक्सर हमला करता है। अद्रा के अनुसार बल्लाल की पत्नी ने सुना कि उनके पति को बाहर पीटा जा रहा है।

अद्रा ने फिर सैनिकों को बल्लाल को हथकड़ी और आंखों पर पट्टी बांधकर उनके घर से एक सैन्य वाहन में ले जाते देखा। अद्रा द्वारा कही गई बातों की एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने एपी से फोन पर बात करते हुए पुष्टि की।

घटनास्थल पर मौजूद कार्यकर्ताओं में से एक जोश किमेलमैन ने एपी को बताया कि पत्थरों और लाठियों से लैस 10-20 नकाबपोश लोगों के एक समूह ने ‘सेंटर फार जूइश नॉनवायलेंस’ पर भी हमला किया, उनकी कार की खिड़कियों के शीशे तोड़ दिये और टायरों को काट दिया जिससे उन्हें क्षेत्र से भागने पर मजबूर होना पड़ा।

एपी अमित पवनेश

पवनेश



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