ऑटो चालकों के समक्ष कई चुनौतियां, कर सकती हैं उनकी चुनावी प्राथमिकताओं को प्रभावित

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(सुगंधा झा)


नयी दिल्ली, 14 जनवरी (भाषा) दिल्ली के ऑटो चालक सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी और इलेक्ट्रिक वाहनों पर सरकार के जोर दिये जाने के बीच इस चुनाव में अपने विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।

आम आदमी पार्टी (आप) के भरोसेमंद वोट बैंक माने जाने वाले ऑटो रिक्शा चालकों का कहना है कि वे कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, जो पांच फरवरी को होने वाले चुनाव में उनकी चुनावी प्राथमिकताओं को प्रभावित कर सकती हैं।

पूर्व में ऑटो चालकों ने दिल्ली की चुनावी राजनीति में अहम भूमिका निभायी है। सड़कों पर उनकी मौजूदगी और लाखों यात्रियों से सीधे संपर्क के कारण वे जनमत प्रभावित करने वाले और राजनीतिक दलों के लिए जमीनी स्तर पर प्रचार करने वाले बन गए हैं।

हालांकि, चुनावी सरगर्मी के बीच आप के इस भरोसेमंद वोटबैंक में दरारें दिखने लगी हैं।

कई ऑटो चालकों का मानना ​​है कि आम आदमी पार्टी (आप) ने अतीत में उनके लाभ के लिए काम किया है, लेकिन साथ ही उनका यह भी मानना ​​है कि उनकी समस्याओं के समाधान के लिए और भी कुछ किया जा सकता था।

ऑटो चालक राजेश कुमार ने नयी दिल्ली स्टेशन के बाहर कहा, ‘‘उन्होंने (आप) कुछ साल पहले किराया बढ़ाया था, जो हमारे लिए अच्छा था। लेकिन अब, सीएनजी की कीमतें आसमान छू रही हैं, इससे उसका (बढ़ोतरी) कोई लाभ नहीं रह गया है।’’

अन्य ऑटो चालकों ने परिचालन लागत को लेकर चिंता जतायी।

लक्ष्मी नगर के रहने वाले ऑटो चालक सुरेश यादव ने कहा, ‘‘रखरखाव महंगा है, ईंधन महंगा है और यात्री हमेशा किराये को लेकर मोल-तोल करते हैं। हम बढ़ती लागत और घटती आय के बीच फंसे हुए हैं।’’

राष्ट्रीय राजधानी में सीएनजी की कीमतों में वृद्धि के बीच आप सरकार ने 2023 में ऑटो और टैक्सी किराये में संशोधन किया था। वैश्विक कच्चे तेल बाजार के रुझान के आधार पर ईंधन की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है।

इस साल के चुनाव के लिए आप ने ऑटो रिक्शा चालकों के लिए कई लाभों की घोषणा की है।

आप संयोजक एवं दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिसंबर में घोषणा की थी कि ऑटो चालकों को 10 लाख रुपये का जीवन बीमा कवरेज और 5 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा, चालकों को उनकी बेटी की शादी के लिए एक लाख रुपये, वर्दी के लिए साल में दो बार (होली और दिवाली के दौरान) 2,500 रुपये और ऑटो चालकों के बच्चों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग फीस मिलेगी।

पूछो ऐप को भी फिर से शुरू किया जाएगा, जो उपयोगकर्ताओं को पंजीकृत ऑटो बुक करने में मदद करता है।

ई-ऑटो पर सरकार द्वार जोर दिये जाने ने ऑटो चालकों को विभाजित कर दिया है। कुछ इसे स्वागत योग्य बदलाव मानते हैं, जबकि अन्य उच्च प्रारंभिक लागत और पर्याप्त चार्जिंग आधारभूत ढांचा की कमी के कारण इस बदलाव को मुश्किल मानते हैं।

पिछले 15 वर्षों से ऑटो चला रहे इरफान ने कहा, ‘‘किसके पास ई-ऑटो खरीदने के लिए 2-3 लाख रुपये हैं? अगर हम ऋण भी ले लें, तो चार्जिंग स्टेशन कहां हैं? ऐसा लगता है कि वे हमारे बारे में सोचे बिना ही इन नीतियों की घोषणा कर देते हैं।’’

हालांकि, कुछ चालक ई-ऑटो के लिए दी जाने वाली सब्सिडी की सराहना करते हैं।

हाल ही में इलेक्ट्रिक वाहन लेने वाले करण ने कहा, ‘‘आप ने ई-ऑटो को किफायती बनाने के लिए बहुत कुछ किया है, लेकिन उन्हें पहले चार्जिंग की समस्या को हल करने की जरूरत है।’’

कई चालकों के लिए, सबसे बड़ी चुनौती ओला और उबर जैसी ऐप-आधारित सेवाओं से मिलने वाली प्रतिस्पर्धा बनी हुई है। ऑटो चालक अरविंद शर्मा ने कहा, ‘‘उनकी वजह से हमारा व्यवसाय प्रभावित हुआ है। लोग अब कैब बुक करना पसंद करते हैं। सरकार ने हमारे हितों की रक्षा करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं।’’

एक अन्य ऑटो चालक रामलाल ने कहा, ‘‘हमारे पास कोई स्वास्थ्य बीमा या पेंशन नहीं है। अगर हमें कुछ हो जाता है, तो हमारा परिवार प्रभावित होगा। हम बस यही चाहते हैं कि सरकार हमारे भविष्य के बारे में भी सोचे।’’

इन शिकायतों के बावजूद, कई ऑटो चालक अभी भी आप को अपना सबसे अच्छा विकल्प मानते हैं।

लगभग दो दशकों से ऑटो चला रहे विनोद कुमार ने कहा, ‘‘कोई कुछ भी कहे, उन्होंने हमारे लिए अन्य पार्टियों की तुलना में अधिक काम किया है। भाजपा या कांग्रेस ने कभी ऑटो चालकों के बारे में बात तक नहीं की।’’

करोल बाग के एक ऑटो चालक अनिल मिश्रा ने कहा, ‘‘हम अभी भी उनके साथ हैं, लेकिन उन्हें हमारी बात अधिक सुनने की जरूरत है। अगर हम उनका वोट बैंक हैं, तो उन्हें हमारी समस्याओं का समाधान करना चाहिए।’’

हालांकि यह देखना होगा कि ऑटो चालक आप का समर्थन करना जारी रखेंगे या उनकी शिकायतें उन्हें विकल्पों पर विचार करने के लिए प्रेरित करेंगी। अधिकांश ऑटो चालक आप के चुनाव अभियान में सक्रिय भागीदार बने हुए हैं और कुछ अपने वाहनों पर पार्टी के झंडे और पोस्टर लगा रहे हैं।

भाषा

अमित माधव

माधव



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