‘ऑटोमेशन’ ने पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान विनिर्माण क्षेत्र में महिलाओं के लिए बनाया रास्ता

Ankit
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मुंबई, 12 अगस्त (भाषा) देश 2047 तक 35,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है और विनिर्माण क्षेत्र तेजी से स्वचालन (ऑटोमेशन) को अपना रहा है। इससे महिलाओं की भर्तियां बढ़ने की उम्मीद है, जिससे कंपनियों को अधिक समावेशी बनने में मदद मिलेगी।


टीमलीज सर्विसेज के मुख्य रणनीति अधिकारी सुब्बुरात्नम पी. ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ इन कंपनियों ने पुरुष-प्रधान क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से स्वचालन (ऑटोमेशन) को अपनाना शुरू कर दिया है और महिलाओं की भर्ती भी शुरू कर दी है। हमें उम्मीद है कि इन उद्योगों में स्वचालन बढ़ने के साथ ही कंपनियां भविष्य में अधिक से अधिक महिलाओं की नियुक्ति करेंगी।’’

उन्होंने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में कंपनियों को अधिक समावेशी बनने के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे पुराने सामाजिक मानदंड तथा भेदभाव, नेतृत्व की कमी और खराब कार्य-जीवन संतुलन आदि।

सुब्बुरत्नम ने कहा, ‘‘ भारत के विनिर्माण क्षेत्र में महिलाओं का प्रतिनिधित्व काफी कम है, जो कार्यबल का केवल 15-20 प्रतिशत है। हालांकि, उन क्षेत्रों में महिलाओं की भर्तियों में वृद्धि हुई है जो तेजी से स्वचालन प्रौद्योगिकियों को अपना रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ जैसे इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) उद्योग तथा दूरसंचार सहायक मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) अधिक महिलाओं को काम पर रखने के लिए ठोस प्रयास कर रहे हैं, कुछ कंपनियां लैंगिक-संतुलित कार्यबल का लक्ष्य बना रही हैं।’’

उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों के बावजूद कई कंपनियां अधिक विविध और न्यायसंगत कार्य वातावरण बनाने के उद्देश्य से लक्षित पहल तथा नीतियों के जरिये अधिक समावेशन की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।

भाषा निहारिका अजय

अजय



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