नयी दिल्ली, 16 अप्रैल (भाषा) विमानन कंपनी स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अजय सिंह ने बुधवार को कहा कि सरकार और उद्योग को एक साथ आकर टिकाऊ विमानन ईंधन (एसएएफ) के उत्पादन के लिए एक ‘‘महत्वपूर्ण प्रोत्साहन व लॉजिस्टिक संरचना’’ बनानी होगी, ताकि कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिल सके।
उन्होंने कहा कि परिवहन लागत कम करने के वास्ते एसएएफ रिफाइनरियों के लिए हवाई अड्डों के निकट स्थान आवंटित करने के संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ चर्चा की गई है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) सहित पेट्रोलियम विपणन कंपनियों के साथ उनकी मौजूदा रिफाइनरियों में एसएएफ उत्पादन के लिए एक छोटी रिफाइनरी बनाने के लिए भी चर्चा की गई।
सिंह ने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि हमें जो काम करने की जरूरत है, उनमें से एक है एसएएफ रिफाइनरियां का हवाई अड्डों के नजदीक होना… यदि आप वास्तव में इसके बारे में गंभीर हैं। हमने प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ भी इस पर चर्चा की है कि क्या आप हवाई अड्डों के नजदीक स्थान आवंटित कर सकते हैं, ताकि परिवहन लागत, जो उस लागत का सबसे बड़ा हिस्सा है..वह वहन की जा सके क्योंकि आप जानते हैं कि आपको इन मुद्दों का समाधान करना होगा।’’
स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ने कहा कि किसी न किसी बिंदु पर सरकार और उद्योग को एक साथ मिलकर सतत विमानन ईंधन बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन और लॉजिस्टिक संरचना बनानी होगी।
टिकाऊ या पर्यावरण अनुकूल विमानन ईंधन का उत्पादन 2023 में करीब पांच लाख टन था और 2050 तक इस मात्रा को कई गुना बढ़ाना होगा।
अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आईएटीए) ने पहले कहा था कि वह ईंधन के उपयोग से होने वाले उत्सर्जन में कमी का आधिकारिक रूप से लेखा-जोखा रखने और ईंधन के उपयोग में उत्सर्जन कम करने में तेजी लाने के लिए एसएएफ रजिस्ट्री की स्थापना करेगा।
भाषा निहारिका अजय
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