नयी दिल्ली, 14 अप्रैल (भाषा) आंबेडकर विश्वविद्यालय में आठ छात्रों के निलंबन को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है और सोमवार को आंबेडकर जयंती पर एक व्याख्यान के दौरान प्रदर्शनकारियों ने मौन असहमति जताई।
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 14वें आंबेडकर स्मृति व्याख्यान के दौरान छात्र कार्यकर्ता आंबेडकर की तस्वीरें और अपनी मांगों की सूची वाले तख्तियां लिए हुए थे। इनमें परिसर में लोकतंत्र बहाल करना, छात्रों का निलंबन रद्द करना, आवागमन पर प्रतिबंध और कर्फ्यू हटाना तथा कथित प्रशासनिक दमन को समाप्त करना शामिल था।
व्याख्यान की अध्यक्षता कुलपति अनु सिंह लाथेर ने की।
एसएफआई ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने एयूडी छात्र परिषद के चुनावों के बाद एक परेशान छात्र की मदद करने के लिए तीन छात्रों को अनुचित तरीके से निलंबित कर दिया है। पिछले सप्ताह भूख हड़ताल शुरू हुई, जिसके दौरान कुलसचिव कार्यालय के पास धरने के बाद निर्वाचित छात्र संघ के सदस्यों सहित पांच और छात्रों को निलंबित कर दिया गया।
एसएफआई दिल्ली के अध्यक्ष सोराज एलमोन ने कहा कि छात्र 140 घंटे से अधिक समय से भूख हड़ताल पर हैं और प्रशासन की ओर से कोई बातचीत नहीं की गयी है।
उन्होंने कहा, ‘यह चिंताजनक है कि बाबासाहेब आंबेडकर के नाम पर बना विश्वविद्यालय निर्वाचित छात्र प्रतिनिधियों से भी बात करने से इनकार कर रहा है।’
हालांकि, एयूडी प्रशासन ने निलंबन का बचाव करते हुए आरोप लगाया कि छात्रों ने सरकारी वाहनों में तोड़फोड़ की और विश्वविद्यालय के कार्यों में बाधा डाली।
कुलसचिव नवलेंद्र कुमार सिंह ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि छात्रों ने उनके और कुलपति के वाहनों को रोक दिया, जिसके बाद पुलिस ने हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा कि औपचारिक शिकायत दर्ज कर ली गई है और प्राथमिकी की उम्मीद है।
एसएफआई ने तोड़फोड़ और हमले के सभी आरोपों से इनकार किया है।
भाषा
शुभम माधव
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