मुंबई, 22 अक्टूबर (भाषा) पूंजी बाजार नियामक सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अश्विनी भाटिया ने मंगलवार को निवेशकों से अधिक गंभीर होने का आग्रह करते हुए कहा कि भारत वायदा और विकल्प (एफएंडओ) कारोबार को ‘राष्ट्रीय मनबहलाव’ बनाने का जोखिम नहीं उठा सकता है।
भाटिया ने मॉर्निंगस्टार की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि निवेशक एफएंडओ खंड सौदों पर लगाम लगाने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की तरफ से हाल ही में उठाए गए कदमों का विरोध कर रहे हैं।
बाजार नियामक के अध्ययन से पता चला है कि वायदा एवं विकल्प खंड के 93 प्रतिशत सौदों में खुदरा निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ता है।
सेबी के सदस्य भाटिया ने कहा कि इस खंड में पैसा कमाने वाले लोग असल में संस्थागत निवेशक हैं।
उन्होंने निवेशकों से ‘गंभीर निवेश’ करने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘एफएंडओ मनबहलाव का राष्ट्रीय जरिया नहीं हो सकता है और न ही ऐसा होना चाहिए। असल में खुदरा प्रतिभागियों की बचत संस्थागत हाथों में चली जाती है।’’
भाटिया ने कहा कि 2020 में कोविड-19 महामारी आने के बाद से खुदरा निवेशकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई लेकिन एफएंडओ खंड में खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी ‘चिंता का विषय’ है।
उन्होंने एफएंडओ खंड में खुदरा निवेशकों को सुरक्षित करने के लिए सेबी की तरफ से उठाए गए कदमों का विरोध होने पर निराशा जताते हुए कहा कि सेबी ने इस खंड के लिए मार्जिन प्रावधानों को सख्त कर दिया है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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