नयी दिल्ली, 24 फरवरी (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने सोमवार को कर्ज में डूबी शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी बायजू के समाधान पेशेवर (आरपी) के रूप में शैलेंद्र अजमेरा की नियुक्ति को मंजूरी दे दी। बायजू वर्तमान में दिवाला प्रक्रिया का सामना कर रही है।
एनसीएलटी की दो सदस्यीय बेंगलुरु पीठ ने पंकज श्रीवास्तव की जगह अजमेरा को बायजू के अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) के रूप में नियुक्त करने को मंजूरी दी।
इस बारे में विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा है।
इससे पहले 29 जनवरी को एनसीएलटी ने श्रीवास्तव के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही का निर्देश दिया था और बायजू की ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) से ग्लास ट्रस्ट और आदित्य बिड़ला फाइनेंस को बाहर करने के उनके निर्देश को रद्द कर दिया था।
एनसीएलटी ने भारतीय दिवाला एवं ऋण अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) को बायजू की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न के समाधान पेशेवर श्रीवास्तव के खिलाफ जांच करने का निर्देश दिया था।
न्यायाधिकरण ने 31 अगस्त, 2024 को अंतरिम समाधान पेशेवर द्वारा बायजू के ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) के पुनर्गठन को भी रद्द कर दिया था, जिसमें श्रीवास्तव ने ग्लास ट्रस्ट और आदित्य बिड़ला फाइनेंस को बाहर कर दिया था।
इसने पिछले साल 21 अगस्त को गठित पिछली सीओसी को बहाल कर दिया है, जिससे आदित्य बिड़ला फाइनेंस को थिंक एंड लर्न का वित्तीय लेनदार बना दिया गया है।
इसने ग्लास ट्रस्ट और आदित्य बिड़ला फाइनेंस को परिचालन लेनदारों के रूप में पुनर्वर्गीकृत करने के आरपी के निर्देश को भी खारिज कर दिया।
एनसीएलटी की बेंगलुरु पीठ के निर्देशों के तहत 16 जुलाई, 2024 को थिंक एंड लर्न के खिलाफ सीआईआरपी शुरू की गई थी।
बाद में, एनसीएलएटी ने बायजू के प्रवर्तक द्वारा क्रिकेट निकाय बीसीसीआई को प्रायोजन अधिकारों के लिए बायजू द्वारा भुगतान न किए गए 158 करोड़ रुपये का भुगतान करने पर सहमति जताने के बाद दिवाला कार्यवाही से अलग रखा।
हालांकि, इसे ग्लास ट्रस्ट ने चुनौती दी थी, जो उच्चतम न्यायालय के समक्ष अमेरिका के उधारदाताओं का प्रतिनिधित्व करता है।
भाषा अनुराग रमण
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