दीमापुर, आठ फरवरी (भाषा) सात संगठनों के समूह नगा राष्ट्रीय राजनीतिक समूह (एनएनपीजी) की कार्यसमिति ने नगा राजनीतिक मुद्दे का समाधान निकालने के लिए केंद्र के साथ बातचीत करने के वास्ते शनिवार को तीन पदाधिकारियों को इसमें शामिल किया।
एनएससीएन/जीपीआरएन (यू) के अध्यक्ष एमबी नियोकपाओ को एनएनपीजी की कार्यसमिति का नया संयोजक नियुक्त किया गया, जबकि एनएससीएन (आर) के पी तिखाक नगा और एनएससीएन/ जीपीआरएन (के) के इसाक सुमी को कार्यकारी संयोजक के रूप में शामिल किया गया।
एनएनपीजी ने, जिसका आरंभिक नेतृत्व इसके संयोजक एन किटोवी ने किया था, 17 नवंबर, 2017 को केंद्र के साथ ‘सहमति वाले बिंदुओं’ पर हस्ताक्षर किए थे। हालांकि, किटोवी पर ‘‘एनएससीएन (एकीकरण) द्वारा महाभियोग चलाया गया’’, जिसके परिणामस्वरूप एक नए संयोजक और दो कार्यकारी संयोजकों को शामिल किया गया।
कार्यक्रम के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, एनएससीएन/जीपीआरएन (सुधार) के अध्यक्ष वांगतिन कोन्याक ने कहा, ‘‘केवल एक एनएनपीजी इकाई है और हमने दो या तीन समूहों को नहीं देखा है। एनएनपीजी नगा राजनीतिक मुद्दे का सम्मानजनक समाधान खोजने के लिए भारत सरकार के साथ बातचीत कर रहा है।’’
डब्ल्यूसी एनएनपीजी के कार्यकारी संयोजक इसाक सुमी ने कहा कि संगठन में आंतरिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इन्हें सुलझाया जा सकता है।
एनएससीएन/जीपीआरएन (यू) के एलेजो वेणुह ने कहा, ‘‘कार्यसमिति ने केंद्र को रूपरेखा दे दी है जिस पर हम सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गए हैं और अब गेंद भारत सरकार के पाले में है।’’
केंद्र सरकार हालांकि 1997 में संघर्ष विराम पर हस्ताक्षर के बाद से ही एनएससीएन-आईएम के साथ समाधान के लिए बातचीत कर रही है और 2015 में एक रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर भी किए हैं।
भाषा
देवेंद्र नरेश
नरेश