नयी दिल्ली, 11 अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 2008 के भीषण आतंकवादी हमलों के पीछे की बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए शुक्रवार को मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा से पूछताछ शुरू की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
दिल्ली की एक अदालत ने अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद राणा को 18 दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया था। इसके बाद उसे शुक्रवार सुबह इस संघीय जांच एजेंसी के मुख्यालय लाया गया।
सूत्रों ने बताया कि राणा को यहां सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित आतंकवाद रोधी एजेंसी के मुख्यालय के अंदर उच्च सुरक्षा वाली एक कोठरी में रखा गया है, जहां चौबीसों घंटे सुरक्षाकर्मी उसकी सुरक्षा में तैनात हैं।
उन्होंने बताया कि चौबीसों घंटे निगरानी रखी जा रही है और राणा को भोजन जैसी बुनियादी जरूरतें मुहैया कराई गई हैं।
सूत्रों ने कहा कि जांच का नेतृत्व एनआईए की उपमहानिरीक्षक जया रॉय कर रही हैं, जो मुख्य जांच अधिकारी भी हैं।
अदालत के आदेश के तुरंत बाद जांच एजेंसी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘राणा 18 दिन तक एनआईए की हिरासत में रहेगा। इस दौरान एजेंसी उससे 2008 के भीषण हमलों के पीछे की पूरी साजिश का पता लगाने के लिए विस्तार से पूछताछ करेगी। हमलों में कुल 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे।’’
ऐसा माना जाता है कि पूछताछ का उद्देश्य हमलों की साजिश रचने वाले पाकिस्तान आधारित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के साथ राणा के संभावित संबंधों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना है।
सूत्रों ने बताया कि मुंबई आतंकवादी हमलों के प्रमुख साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाउद गिलानी (अमेरिकी नागरिक) के करीबी सहयोगी 64 वर्षीय पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी राणा से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ‘इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस’ (आईएसआई) के अधिकारियों के साथ उसके संदिग्ध संबंधों और हमले के पीछे उसकी वास्तविक भूमिका के बारे में भी पूछताछ की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जांचकर्ताओं को उम्मीद है कि 26 नवंबर 2008 को देश की वित्तीय राजधानी में हुए भीषण आतंकी हमलों से पहले उत्तर और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में राणा की यात्राओं के बारे में कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिलेंगे।
सूत्रों ने बताया कि राणा ने 13 नवंबर से 21 नवंबर 2008 के बीच अपनी पत्नी समराज राणा अख्तर के साथ उत्तर प्रदेश के हापुड़ और आगरा, दिल्ली, कोच्चि, अहमदाबाद तथा मुंबई का दौरा किया था।
उन्होंने कहा कि इन स्थानों पर उसकी यात्राओं के पीछे देश भर में अन्य स्थानों को निशाना बनाने की एक बड़ी साजिश हो सकती है तथा सटीक विवरण उससे पूछताछ के बाद ही पता चलेगा।
संयोग से, राणा से हिरासत में पूछताछ ऐसे समय हो रही है जब एनआईए की कमान भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के महाराष्ट्र कैडर के वरिष्ठ अधिकारी सदानंद वसंत दाते के हाथों में है।
पाकिस्तान के 10 आतंकवादियों ने जब देश की वित्तीय राजधानी पर हमले किए थे तो दाते उस समय मुंबई में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के पद पर तैनात थे। उस समय हुए आतंकवादी हमलों में दाते गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
दाते ने गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद अजमल कसाब और अन्य लश्कर आतंकवादी अबू इस्माइल का बहादुरी से मुकाबला किया था।
उन्हें पिछले वर्ष मार्च में एनआईए का महानिदेशक नियुक्त किया गया था। यह विशेष एजेंसी मुंबई में तीन दिन तक चले आतंकवादी हमलों के बाद अस्तित्व में आई थी।
आतंकवाद रोधी एजेंसी ने अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद राणा के बृहस्पतिवार शाम यहां इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया था और फिर पटियाला हाउस स्थित एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया था।
एनआईए ने अदालत में दावा किया कि उसे संदेह है कि राणा ने कई भारतीय शहरों को निशाना बनाने के लिए 26/11 मुंबई हमलों जैसी आतंकी साजिश रची थी।
अदालत ने राणा को 18 दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया। अपने आदेश में अदालत ने एनआईए को हर 24 घंटे में राणा की चिकित्सा जांच कराने और हर दूसरे दिन उसे अपने वकील से मिलने की अनुमति देने का भी निर्देश दिया।
भाषा नेत्रपाल नरेश
नरेश