(अमित कुमार दास)
नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) क्या होता है जब दो एकल खिलाड़ी युगल में एक साथ खेलते हैं? इसका फायदा भी हो सकता है और नुकसान भी लेकिन सतीश कुमार करुणाकरण और आद्या वरियथ के लिए यह कदम शानदार साबित हुआ क्योंकि वे अब भारतीय बैडमिंटन की शीर्ष मिश्रित युगल जोड़ी हैं।
सतीश और आद्या की जोड़ी 2023 में विश्व रैंकिंग में 432वें स्थान से डेढ़ साल के भीतर 33वें स्थान पर पहुंच गई।
चार फरवरी 2023 को सतीश और आद्या ने ईरान इंटरनेशनल चैलेंज का खिताब जीता। इसके ठीक एक साल बाद इस जोड़ी ने मंगलवार को देहरादून में राष्ट्रीय खेलों में अपना पहला स्वर्ण पदक हासिल किया।
सतीश और आद्या ने इस बीच अजरबेजान और युगांडा में खिताब जीते लेकिन पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहे।
पिछले साल अप्रैल से दोनों मलेशियाई कोच जीवननाथन नायर के मार्गदर्शन में कुआलालंपुर में प्रशिक्षण ले रहे हैं। हालांकि वीजा सीमाओं के कारण वे वहां एक महीने से अधिक नहीं रह सकते जिसका अर्थ है कि उन्हें अक्सर यात्रा करनी पड़ती है।
तैराक के रूप में शुरुआत करने के बाद अपने बड़े भाई अरुण कुमार को देखकर 12 साल की उम्र में बैडमिंटन की ओर रुख करने वाले सतीश ने हाल ही में पीटीआई को बताया था, ‘‘हम केवल डेढ़ साल से साथ हैं। भारत में मेरी कुछ पारिवारिक समस्याएं थी इसलिए मुझे मलेशिया जाना पड़ा।’’
आद्या ने कहा, ‘‘इसलिए पिछले अप्रैल से हमने कुआलालंपुर में प्रशिक्षण लेने की कोशिश की है। यदि दो सप्ताह से अधिक की ट्रेनिंग होती है तो हम कुआलालंपुर जाते हैं। अन्यथा, हम भारत के किसी एक केंद्र में एक सप्ताह की ट्रेनिंग करते हैं।’’
तेइस वर्षीय आद्या ने कहा कि वे दीर्घकालिक वीजा के लिए प्रयास कर रहे हैं जिससे कि वे बार-बार यात्रा करने की चिंता किए बिना मलेशिया में ट्रेनिंग कर सकें।
उन्होंने कहा, ‘‘हम अधिकतर बेंगलुरू में ट्रेनिंग लेते हैं क्योंकि मेरा घर बेंगलुरू में है। कभी-कभी वह कोयंबटूर जाता है इसलिए हम बारी-बारी से ऐसा करते हैं।’’
आद्या ने कहा, ‘‘अगर हम पूरी तरह से कुआलालंपुर में जा पाएं तो यह आदर्श स्थिति होगी। हम दीर्घकालिक वीजा हासिल करने की दिशा में काम कर रहे हैं। हम प्रयास कर रहे हैं लेकिन अभी तक सफल नहीं हो पाए हैं। क्योंकि एकमात्र विकल्प कामकाजी वीजा है और कामकाजी वीजा के साथ हम इस तरह टूर्नामेंट के लिए यात्रा नहीं कर सकते क्योंकि आप केवल 90 दिन के लिए मलेशिया से बाहर रह सकते हैं।’’
आद्या अब केवल मिश्रित युगल खेलती हैं जबकि सतीश एकल और युगल दोनों में प्रतिस्पर्धा कर रहे है और उन्होंने कुछ सफलता भी हासिल की है।
चेन्नई के 23 वर्षीय सतीश ने 2023 में ओडिशा मास्टर्स के रूप में अपना पहला सुपर 100 खिताब हासिल किया और पिछले दिसंबर में गुवाहाटी मास्टर्स में एक और सुपर 100 खिताब जीता।
सतीश ने कहा, ‘‘मुझे अपनी टीम को श्रेय देना चाहिए। मैं दो स्पर्धाओं में खेल रहा हूं जो आसान नहीं है लेकिन वे मेरा ख्याल रख रहे हैं। मेरे कोच जीवा और मेरे ट्रेनर वरुण सुरेश मेरा ख्याल रख रहे हैं। हम मलेशिया में एशिया बैडमिंटन अकादमी में ट्रेनिंग कर रहे हैं।’’
भाषा
सुधीर आनन्द
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