नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) आम बजट में प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को लेकर किए गए उपायों से एक मजबूत डिजिटल इंडिया और एआई-संचालित आधुनिकीकरण को बल मिलेगा। उद्योग जगत ने यह उम्मीद जताते हुए कहा है कि ये घोषणाएं भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि के अगले चरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया और दक्षिण एशिया के अध्यक्ष पुनीत चंडोक ने कहा कि आम बजट 2025-26 में एआई और प्रौद्योगिकी के साथ 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लिए सरकार के नजरिये को देखना उत्साहजनक है।
उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि एआई में भारतीय समाज के हर क्षेत्र को बदलने की क्षमता है। इसमें बोर्डरूम से लेकर कक्षाओं तक, वाणिज्य से लेकर समुदायों तक और वित्त से लेकर किसानों तक सभी शामिल हैं।
चंडोक ने कहा, ”हम शिक्षा में एआई के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने और भविष्य के स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक डीपटेक कोष बनाने की वित्त मंत्री की घोषणाओं का स्वागत करते हैं। जैसा कि आर्थिक समीक्षा 2025 में बताया गया है कि भारत को एआई के अवसरों का लाभ उठाना चाहिए।”
केपीएमजी के भारत में मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) येजदी नागपुरवाला ने बजट घोषणाओं को भारत की आर्थिक उन्नति के लिए एक मजबूत खाका बताया।
उन्होंने कहा कि 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स और एआई में उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के जरिये कौशल पहल पर जोर देने से युवा सशक्त होंगे।
उन्होंने कहा कि स्टार्टअप पारिस्थितिकी, महिला उद्यमिता और ग्रामीण समृद्धि का समर्थन करने के लिए किए गए समावेशी उपाय एक तर्कसंगत नजरिये को दर्शाते हैं।
टाटा टेक्नोलॉजीज के सीईओ एवं प्रबंध निदेशक वारेन हैरिस ने कहा कि शिक्षा के लिए एआई में उत्कृष्टता केंद्र के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन इस क्षेत्र में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने के महत्व को रेखांकित करता है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की स्थापना पर बजट का ध्यान ‘मेक इन इंडिया’ के लिए भारत में इंजीनियरिंग के लक्ष्य के साथ जुड़ा है।
भाषा पाण्डेय प्रेम
प्रेम