एआई से होटल क्षेत्र में मिल सकती है मदद, ओयो पूर्व चेक-इन प्रक्रिया पर दे रहा ध्यान: सीईओ |

Ankit
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मुंबई, एक मार्च (भाषा) होटल मंच ओयो के मुख्य सह-संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रितेश अग्रवाल ने कहा है कि कृत्रिम मेधा (एआई) में होटल उद्योग की काफी मदद करने की क्षमता है।


हालांकि, उन्होंने कहा कि पूर्व-चेक-इन प्रक्रिया जैसी कुछ बड़ी चीजें हैं जिन पर ओयो ध्यान केंद्रित कर रहा है।

‘मुंबई टेक वीक’ के एक सत्र में अग्रवाल ने कहा कि व्यवसाय में प्रवेश करने से पहले डर या अहंकार के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए क्योंकि ये उद्यमशीलता की सफलता के सबसे बड़े दुश्मन हैं।

होटल उद्योग में एआई की स्वीकार्यता से जुड़े एक सवाल पर अग्रवाल ने कहा, “मूल रूप से हमारा व्यवसाय गतिशील मूल्य निर्धारण के आधार पर बनाया गया था। अब, यह उन मॉडलों पर डिजायन नहीं किया गया था जो आज की एआई की दुनिया उपयोग कर रही है क्योंकि हमने अपना व्यवसाय सात-आठ साल पहले शुरू किया था।”

उन्होंने कहा कि यदि कंपनी ने गतिशील मूल्य निर्धारण का उपयोग नहीं किया होता तो उनका ब्रांड आज जैसा नहीं होता।

रीतेश अग्रवाल ने कहा, “हम अमेरिका, यूरोप, दक्षिण-पूर्व, एशिया, पश्चिम-एशिया और अन्य बाजारों से 75 या 70 से अधिक बुकिंग प्राप्त करते हैं। ऐसा इसलिए संभव है क्योंकि हम भारत में बैठकर गतिशील मूल्य निर्धारण डिजायन कर सकते हैं और होटल में प्रवेश करने से पहले ही इसका बेहतर उपयोग कर सकते हैं।”

उन्होंने कहा कि सही स्थानों का मिलान करने में बहुत अधिक डेटा विज्ञान और एआई का क्रियान्वयन किया गया है, जिससे गतिशील मूल्य निर्धारण को बढ़ावा मिल रहा है, जो अपने आप में कई अरब डॉलर का उद्योग है।

उन्होंने कहा कि एक उद्यमी के रूप में आपको पहले दिन से ही डर, शर्मिंदगी, गर्व, अहंकार और सब कुछ कमरे के बाहर छोड़कर (व्यवसाय में) प्रवेश करना होगा ‘क्योंकि ये उद्यमशीलता की सफलता के सबसे बड़े दुश्मन हैं।’

अपने होटलों के शौचालयों की सफाई का अपना उदाहरण देते हुए, जिसे वे आज भी कभी-कभी एक रोल मॉडल के रूप में करते हैं, उन्होंने कहा, “लोगों के लिए यह स्वीकार करना बहुत कठिन है कि वे ऐसा करेंगे, क्योंकि दुर्भाग्य से, हमारा पालन-पोषण हमें यह नहीं सिखाता है, जैसे कि बहुत से परिवारों में इस तरह का पालन-पोषण किया जाता है कि आपको सब कुछ करना ही है।”

अग्रवाल ने कहा, “लेकिन कुछ जगहों पर ऐसा लगता है कि शायद ये हमारा काम नहीं है, ये किसी और का काम है। मुझे लगता है कि मेरा नज़रिया यही होगा कि आपको ये शर्म, ये घमंड छोड़ना होगा कि ये मेरा काम नहीं है, ये किसी और का काम है।”

भाषा अनुराग

अनुराग



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