उभरते नेताओं के लिए ‘कार्यकर्ता’ से नेता बनने का मंच |

Ankit
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मुंबई, पांच सितंबर (भाषा) ब्रिटिश शासन के दौरान समाज सुधारक लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने लोगों को एकजुट करने और एकता की भावना पैदा करने के लिए गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजन की शुरुआत की थी लेकिन गुजरते वक्त के साथ तिलक के इस दृष्टिकोण को पूरा करने के साथ गणेश मंडल उभरते नेताओं के लिए एक मंच का भी काम करता है।


बृहन्मुंबई सार्वजनिक गणेशोत्सव समन्वय समिति (बीएसजीएसएस) के अध्यक्ष नरेश दहिबावकर ने कहा कि ‘‘सार्वजनिक’’ गणेश मंडल के जरिए भविष्य के नेता वित्त प्रबंधन, मानव संसाधन और विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करने जैसे विभिन्न कौशल में महारत हासिल कर सकते हैं।

गणेश उत्सव समूचे महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। इस साल, इस 10 दिवसीय धार्मिक-सांस्कृतिक उत्सव की शुरुआत सात सितंबर से होगी।

राजनीति की दुनिया में उतरने से पहले महाराष्ट्र में कई राजनेता पहले गणेश मंडल के ‘‘कार्यकर्ता’’ के तौर पर काम कर चुके हैं।

दहिबावकर ने पीटीआई-भाषा से कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता और महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल तथा केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल उन नेताओं में शामिल हैं जो राजनीति में आने से पहले क्रमश: मुंबई और पुणे में गणेश मंडल से जुड़े थे।

उन्होंने बताया कि मध्य मुंबई में भायखला में अंजीरवाड़ी सार्वजनिक मंडल के अध्यक्ष भुजबल पार्षद, शहर के महापौर और फिर कैबिनेट मंत्री बने। मोहोल पार्षद और पुणे के पूर्व महापौर रह चुके हैं। मोहोल ने इस साल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव जीता और फिर वे केंद्रीय सहकारिता एवं नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री नियुक्त किए गए।

दहिबावकर ने कहा कि उन्होंने दो महीना पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि गणेश उत्सव के आयोजन के दौरान चुनाव आचार संहिता लागू नहीं की जाए और उनकी इस मांग को मान लिया गया।

महाराष्ट्र में नवंबर मध्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर मंडल कार्यकर्ता या इसके पदाधिकारी राजनेता बन जाते हैं और वे संगठन को चंदा देते हैं तो मंडल को उनका पोस्टर लगाना पड़ता है चाहे फिर वह चुनावी साल हो या नहीं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उत्सव के दौरान चंदा दिया जाता है क्योंकि खर्च भी बढ़ रहे हैं। इन दिनों हमें सीसीटीवी कैमरे भी लगाने पड़ते हैं।’’

दहिबावकर के अनुसार, भविष्य के नेताओं को तराशने के अलावा सार्वजनिक गणेश मंडल सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नवोदित अभिनेताओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का भी मौका देता है।

भाषा सुरभि नरेश

नरेश



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