उपराज्यपाल ने अदालत को बताया |

Ankit
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नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सोमवार को सूचित किया कि आबकारी शुल्क, प्रदूषण और वित्त से संबंधित सीएजी की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी गई है और उन्होंने इस संबंध में विधानसभा की तत्काल विशेष बैठक बुलाने के लिए कहा है।


उपराज्यपाल ने विपक्ष के नेताओं की उस याचिका पर विशेष बैठक बुलाने के लिए कहा है जिसमें उन्होंने संवैधानिक बाध्यता के अनुसार राज्य सरकार द्वारा सीएजी रिपोर्ट विधानसभा में पेश किए जाने की मांग की है।

उपराज्यपाल की ओर से दायर किए गए अतिरिक्त हलफनामे में कहा गया कि वित्त मंत्री (दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी) ने मामले में ‘‘अनुचित देरी’’ की है, जिससे विधानसभा और आम जनता को सरकार के कार्यकारी कार्यों की जांच करने के उसके अधिकार से वंचित किया गया है।

इसमें कहा गया, ‘‘यह सुनिश्चित करने के लक्ष्य से कि आगे कोई देरी न हो उपराज्यपाल ने 13 दिसंबर को ही (उपराज्यपाल कार्यालय में फाइल प्राप्त होने के 48 घंटे से भी कम समय के भीतर) दिल्ली एनसीटी सरकार अधिनियम (1991) की धारा 48 के तहत तुरंत इसे स्वीकृति दे दी जिससे वर्तमान सत्र में दिल्ली विधानसभा के समक्ष इन सभी 14 सीएजी रिपोर्ट को पेश करने के लिए वित्त मंत्री के कार्यालय के साथ-साथ प्रतिवादी संख्या 1 और 2 द्वारा आगे आवश्यक कदम उठाए जा सकें।’’

उपराज्यपाल की वकील ने न्यायमूर्ति संजीव नरुला को बताया कि वित्त मंत्री के कार्यालय से 14 रिपोर्ट प्राप्त हुई हैं, जिन्हें ‘‘अत्यधिक समय तक लंबित” रखा गया।

उन्होंने कहा कि चूंकि सत्र हाल ही में अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था इसलिए विधानसभा अध्यक्ष के पास विधानसभा सत्र को ‘‘पुनः बुलाने’’ का विशेषाधिकार था। विधानसभा सत्र चार दिसंबर को समाप्त हो गया था।

हलफनामे में कहा गया, ‘‘माननीय उपराज्यपाल ने धारा 48 के तहत अपनी मंजूरी के साथ इन सभी सीएजी रिपोर्ट को मुख्यमंत्री को वापस करते हुए निर्देश दिया है कि संवैधानिक जनादेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए बिना समय गंवाए इन सीएजी रिपोर्ट को दिल्ली विधानसभा के पटल पर रखने के लिए विधानसभा के नियमों के अनुसार तुरंत दिल्ली विधानसभा की विशेष बैठक बुलाई जाए।’’

भाषा प्रीति संतोष

संतोष



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