नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) चमड़ा निर्यात परिषद (सीएलई) ने रविवार को कहा कि फुटवियर और चमड़ा क्षेत्रों के लिए एक केंद्रित उत्पाद योजना शुरू करने की बजट घोषणा से उत्पादकता, प्रतिस्पर्धात्मकता और निर्यात में 1.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि होगी।
सीएलई ने कहा कि यह योजना चमड़े के अलावा किसी अन्य चीज से बने गुणवत्तापूर्ण फुटवियर के उत्पादन के लिए आवश्यक डिजाइन क्षमता, घटक विनिर्माण और मशीनरी का समर्थन करेगी।
सीएलई के चेयरमैन राजेंद्र कुमार जालान ने एक बयान में कहा, ‘यह योजना फुटवियर और उत्पादों के उत्पादन के लिए आवश्यक डिजाइन क्षमता, घटक विनिर्माण और मशीनरी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों का समर्थन करेगी।’
उन्होंने कहा कि इस योजना से 22 लाख लोगों को रोजगार मिलने, चार लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने और 1.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात होने की उम्मीद है।
जालान ने कहा कि इस योजना से निवेश आकर्षित करके उत्पादन और उत्पादकता बढ़ेगी और क्षेत्र के घटक एवं मशीनरी पारिस्थितिकी को मजबूती मिलेगी।
चमड़ा निर्यात परिषद के कार्यकारी निदेशक आर सेल्वम ने कहा कि कच्चे चमड़े पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क और गीले नीले चमड़े पर 10 प्रतिशत आयात शुल्क हटाने का प्रस्ताव टैनिंग उद्योग को मजबूत करेगा और देश से मूल्यवर्धित उत्पादों के निर्यात को काफी बढ़ावा देगा।
चेन्नई स्थित फरीदा ग्रुप के चेयरमैन रफीक अहमद ने कहा कि इस योजना की लंबे समय से दरकार थी और इससे निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा। वित्त वर्ष 2023-24 में चमड़े का निर्यात 4.69 अरब डॉलर रहा था।
कानपुर स्थित ग्रोमोर इंटरनेशनल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक यादवेंद्र सिंह सचान ने कहा कि बजट घोषणाओं से विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
भाषा प्रेम प्रेम पाण्डेय
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