लखनऊ, एक अप्रैल (भाषा) उत्तर प्रदेश आबकारी नीति 2025-26 मंगलवार से लागू हो गयी जिसके तहत अंग्रेजी शराब और बीयर एक ही दुकान से उपभोताओं को मिल जायेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार के आबकारी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उत्तर प्रदेश आबकारी नीति 2025-26 लागू हो गयी है।
इसके पहले आबकारी विभाग ने एक बयान में कहा कि नयी नीति के तहत अंग्रेजी एवं विदेशी शराब और बीयर की अलग-अलग दुकानों की जगह संयुक्त दुकानें बनायी जा रही हैं, जिससे दुकानों की संख्या बढ़ाए बिना खुदरा घनत्व में वृद्धि होगी।
बयान में कहा गया है कि कम से कम 400 वर्ग फीट क्षेत्रफल वाली और अन्य शर्तों को पूरा करने वाली संयुक्त दुकानें ‘मॉडल शॉप’ में परिवर्तित हो सकती हैं एवं ग्राहकों को शराब परोस सकती हैं।
बयान के अनुसार देशी शराब की दुकानों को कुछ शर्तों के साथ बीयर बेचने का भी विकल्प दिया गया है। नोएडा, गाजियाबाद, आगरा और लखनऊ में कम अल्कोहल वाले बार (केवल बीयर और वाइन परोसने वाले) शुरू किए गए हैं।
विकास प्राधिकरणों और औद्योगिक क्षेत्रों में 20,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले आईटी और आईटीईएस प्रतिष्ठानों में बार एवं प्रीमियम खुदरा दुकानें खोली जा सकेंगी।
बयान के अनुसार दुरुपयोग को रोकने के लिए ‘इवेंट बार लाइसेंस’ को अलग-अलग श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। ‘डिस्टिलरी’, ‘वाइनरी’ और ‘ब्रूअरीज’ में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में फरवरी में हुई बैठक में मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आबकारी नीति को मंजूरी दी थी, जिसमें शराब और भांग की दुकानों के आवंटन के लिए ई-लॉटरी प्रणाली की शुरुआत सहित कई प्रमुख बदलाव किए गए। सरकार ने पहली बार ‘कम्पोजिट शॉप्स’ की अवधारणा भी पेश की है, जिसमें अलग-अलग बीयर और विदेशी शराब की दुकानों को एक इकाई में मिला दिया गया है।
भाषा अरुणव मनीष आनन्द
राजकुमार
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