उत्तर प्रदेश में अटल स्वास्थ्य मेले का उद्घाटन, विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास

Ankit
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(फोटो के साथ)


लखनऊ, 24 दिसंबर (भाषा) पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के एक दिन पूर्व मंगलवार को यहां दो दिवसीय अटल स्वास्थ्य मेले का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि अटल जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में दो दिवसीय अटल स्वास्थ्य मेला का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर लखनऊ में 662 करोड़ रुपये की लागत से 181 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया गया।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘अटल जी पांच बार लखनऊ से सांसद रहे। उन्होंने देश की राजनीति को अस्थिरता से स्थिरता की ओर अग्रसर किया और पं. दीनदयाल उपाध्याय की अन्त्योदय परिकल्पना को साकार किया।’’

योगी ने कहा कि वाजपेयी के कार्यों की प्रेरणा से यह अटल स्वास्थ्य मेला गरीबों और जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘अटल जी के नेतृत्व में 1998-99 में स्वास्थ्य मेलों की शुरुआत हुई थी, जो बीच में बाधित हो गई थी। अब इस परंपरा को पुनर्जीवित करते हुए पिछले पांच वर्षों से अटल स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया जा रहा है।’’

उन्होंने बताया कि 2020 से 2023 के बीच इस मेले से 50 हजार से अधिक लोगों को लाभ मिला। योगी ने वाजपेयी को भारतीय राजनीति का ‘अजातशत्रु’ बताते हुए कहा कि उनकी सहजता और सरलता ने सभी वर्गों का दिल जीता।

योगी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में लखनऊ का सर्वांगीण विकास हो रहा है।

योगी ने कहा कि मेले में कृत्रिम अंग, ट्राई साइकिल, व्हीलचेयर और ‘ब्लाइंड स्टिक’ जैसे सहायक उपकरण वितरित किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वाजपेयी के जन्म शताब्दी वर्ष पर यह आयोजन उनकी विरासत को आगे बढ़ाने और लखनऊ वासियों को समर्पित है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने इंसेफेलाइटिस के खिलाफ लड़ाई में आदित्यनाथ की उपलब्धियों की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘2017 में भाजपा की ‘डबल इंजन’ सरकार बनी तो इंसेफेलाइटिस के खात्मे के लिए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने युद्ध स्तर पर कार्य किया और इसकी निगरानी खुद मुख्यमंत्री रहे थे।’’

सिंह ने कहा कि आज इंसेफेलाइटिस के कारण मरने वाले बच्चों की संख्या न के बराबर हो गई है।

गोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्र रहे रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘पढ़ते समय मैंने हॉस्पिटल के सामने से बच्चों के शव को ले जाते माता-पिता को देखा है। मुख्यमंत्री बनने के बाद मैंने भी इंसेफेलाइटिस से निजात के लिए लोगों से चर्चा की पर किसी के पास सटीक उपाय नहीं था, लेकिन योगी ने गोरखपुर, उत्तर प्रदेश-बिहार के इंसेफेलाइटिस से प्रभावित कई जिलों को निजात दिलाने में कामयाबी हासिल की।”

सिंह ने कहा, ‘‘जब नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे तब वाजपेयी जी संसद में नेता प्रतिपक्ष थे। उस समय संयुक्त राष्ट्र संघ के फोरम पर जेनेवा में भारत का पक्ष प्रस्तुत करना था, तब राव ने कहा कि यह कार्य प्रभावी ढंग से केवल वाजपेयी ही कर सकते हैं। वाजपेयी जी जेनेवा गए।’’

रक्षा मंत्री ने कहा कि वाजपेयी ने प्रधानमंत्री रहते हुए स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई योजनाएं प्रारंभ कीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी वाजपेयी के पदचिह्नों पर चल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि देश में 40 करोड़ से अधिक लोगों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिल रहा है। इसके तहत अब 70 वर्ष से ऊपर हर किसी को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज होगा। जन औषधि केंद्रों पर भी 50 से 80 फीसदी सस्ती दवाएं प्राप्त हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा नीत सरकार आने के बाद 22 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को स्वीकृति दी गई, इसमें 12 से अधिक संस्थान बनकर तैयार हो गए, चार पर कार्य चल रहा है।

सिंह ने कहा कि आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को अग्रणी राज्य के रूप में प्रस्तुत करते हुए विशेष पहचान दिलाई है।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद थे।

भाषा आनन्द आशीष

आशीष



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