उत्तर प्रदेश के प्राचीन वैभव को पुनर्स्थापित कर रहे हैं मुख्यमंत्री योगी : तोमर |

Ankit
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गोरखपुर (उप्र), चार दिसंबर। मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि एक समय वह भी था जब उत्तर प्रदेश में कोई आने को तैयार नहीं था; लेकिन योगी आदित्यनाथ ने जबसे मुख्यमंत्री के रूप में यहां कमान संभाली है तबसे उत्तर प्रदेश का प्राचीन वैभव पुनर्स्थापित होने लगा है।


तोमर ने यहां महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 92वें संस्थापक सप्ताह समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कहा, ‘‘चाहे बात कानून व्यवस्था की हो, निवेश लाने की हो, स्वास्थ्य क्षेत्र की सुदृढ़ता की हो या फिर गरीबी उन्मूलन की हो, योगी सरकार ने हर दिशा में सफलतापूर्वक कदम बढ़ाए हैं।’’

उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ से वह कई भूमिकाओं में मिलते रहे हैं। गोरक्षपीठाधीश्वर के रूप में योगी भक्तियोग का मार्ग दिखाते हैं तो उसी के समानांतर नेता के रूप में वह कर्मयोग का भी रास्ता बताते हैं।

तोमर ने कहा कि आजादी के बाद देश के भविष्य के लिए योग्य नागरिक बनाने की दूरदृष्टि से ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के जिस बीज को रोपा और ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी ने उससे निकले पौधे को सींचा, वह आज योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में वट वृक्ष के रूप में खड़ा है। इसकी छाया में सारा पूर्वांचल आज अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा है।

उन्होंने कहा कि आज भारत निरंतर आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सूझबूझ और अदम्य साहस, कठोर परिश्रम के कारण भारत की ख्याति दुनिया के मानचित्र पर तेजी के साथ स्थापित हो रही है।

तोमर ने कहा कि एक कालखंड था जब भारत को वैश्विक मंचों पर बहुत महत्व नहीं मिलता था, लेकिन आज कोई भी वैश्विक मंच ऐसा नहीं है जिसका एजेंडा भारत की अनदेखी कर तय किया जाए।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के सदस्य प्रोफेसर राजीव कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में लागू राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में शिक्षा को विषय की सीमाओं से परे कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने शिक्षा और रोजगार को एक बड़ा व्यापक क्षेत्र दिया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने अपनी मातृभाषा में शिक्षा की सुविधा दी है।

कुमार ने कहा कि तकनीकी शिक्षा आज 12 भारतीय भाषाओं में ग्रहण की जा सकती है। यह शिक्षा नीति युवाओं को आज की आवश्यकताओं के अनुरूप नवाचार उन्मुख होने के लिए प्रेरित करती है।

भाषा राजेंद्र

धीरज

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