नयी दिल्ली, 11 सितंबर (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि सरकार का लक्ष्य उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमा से सटे गांवों को ‘आदर्श गांवों’ में बदलना है।
सिंह ने एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सीमावर्ती गांवों के समग्र विकास के लिए नयी दिल्ली पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। रक्षा मंत्री ने भारत के सीमावर्ती गांवों को भारत के ‘प्रथम गांव’ के रूप में वर्णित किया न कि दूरदराज के क्षेत्रों के रूप में।
सिंह की टिप्पणी पूर्वी लद्दाख विवाद के बाद चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के सरकार के कदम के बीच आई है।
सिंह ने ‘सीमा क्षेत्र विकास सम्मेलन’ में कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में नागरिक-सैन्य सहयोग से सीमांत क्षेत्रों में पलायन कम हो रहा है।
रक्षा मंत्री ने बताया कि भारत की भू-रणनीतिक स्थिति ऐसी है कि उसे विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और उनसे निपटने का सबसे अच्छा तरीका सीमा क्षेत्र के विकास को सुनिश्चित करना है।
उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य उत्तरी सीमाओं खासकर उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश के गांवों को ‘आदर्श गांव’ में बदलना है। हमारा लक्ष्य उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है।”
सिंह ने कहा कि उत्तर-पूर्वी राज्यों के पारेषण और वितरण बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है और भारत-नेट ब्रॉडबैंड परियोजना के माध्यम से 1,500 से अधिक गांवों में हाई-स्पीड इंटरनेट प्रदान किया गया है।
उन्होंने कहा, “पिछले चार वर्षों में अकेले 7,000 से अधिक सीमावर्ती गांवों को इंटरनेट कनेक्शन से जोड़ा गया है और हमारा ध्यान लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश पर रहा है।”
भाषा जितेंद्र माधव
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