उड़ान ‘आईसी814’ के कैप्टन देवी शरण 40 साल की सेवा के बाद एयर इंडिया से सेवानिवृत्त

Ankit
3 Min Read


नयी दिल्ली, छह जनवरी (भाषा) इंडियन एयरलाइंस की उड़ान संख्या ‘आईसी-814’ के कैप्टन रहे देवी शरण विमानन कंपनी से सेवानिवृत्त हो गए हैं। उन्होंने चार दशक तक इंडियन एयरलाइंस की सेवा की।


शरण (65) ने चार जनवरी को मेलबर्न से दिल्ली तक ‘ड्रीमलाइनर’ विमान की कमान संभाली थी। यह उनकी आखिरी उड़ान थी।

शरण ने सेवानिवृत्ति के मौके पर अपने संदेश में अपने शानदार और यादगार करियर के लिए एयर इंडिया के अपने मित्रों और सहकर्मियों को धन्यवाद दिया। शरण ने उन यात्रियों का भी आभार जताया, जिन्होंने वर्षों तक उन्हें (शरण) विमान संचालन का मौका दिया।

‘एयर इंडिया’ ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें शरण के विमानन कंपनी के साथ बिताए गए दिनों की झलकियां दिखाई गई हैं। कंपनी ने इस वीडियो को साझा करते हुए लिखा, ‘‘आसमान सिर झुकाता है, रनवे विमान ‘आईसी-814’ के कैप्टन को सलाम करता है।’’

शरण ने कहा, ‘‘मैं जब अपने जीवन के एक नए स्वर्णिम अध्याय की शुरुआत कर रहा हूं, मैं अपने परिवार और दोस्तों के साथ जिंदगी की कुछ और खूबसूरत यादों को सहेजना चाहता हूं।’’

कमर्शियल पायलट की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष है।

31 जुलाई 2024 को ‘कंधार हाईजैक’ प्रकरण को याद करते हुए शरण ने कहा, ‘‘मुझे दूसरों को बचाने के लिए जिंदा रहना पड़ा था।’’ उन्होंने कहा था कि उन्हें ऐसे आतंकवादियों से निपटना पड़ा था जिन्हें विमानन से जुड़ी हर बात पता थी।

काठमांडू से दिल्ली आने वाली ‘इंडियन एयरलाइंस’ की उड़ान संख्या आईसी-814 का 24 दिसंबर 1999 को अपहरण कर लिया गया था। जब विमान 26,000 फुट की ऊंचाई पर था तब कैप्टन शरण को विमान में नकाबपोश आतंकवादी की मौजूदगी का पता चला था, जिसके हाथ में एक हथगोला और रिवॉल्वर थी।

जब विमान का अपहरण किया गया था तब उसमें 180 यात्री मौजूद थे और इनमें से अधिकांश को आठ दिनों तक कष्टदायक समय का सामना करना पड़ा था क्योंकि लोगों की जान बचाने के कारण विमान चालक (कैप्टन) को विमान को अमृतसर, लाहौर, दुबई और कंधार में रोकना पड़ा था। हालांकि, इस हादसे में एक यात्री की मौत भी हो गई थी।

इंडियन एयरलाइंस का 2007 में एयर इंडिया में विलय कर दिया गया।

भाषा प्रीति नरेश

नरेश



Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *