उच्च न्यायालय ने सपा उम्मीदवार के निर्वाचन के खिलाफ मेनका गांधी की याचिका खारिज की

Ankit
2 Min Read


लखनऊ, 14 अगस्त (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता मेनका गांधी की सुलतानपुर से समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद राम भुआल निषाद के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।


पीठ ने कहा कि याचिका ऐसे मामलों को दायर करने की वैधानिक अवधि 45 दिन की समय सीमा के बाद दायर की गई थी, इसलिए याचिका पर गुण-दोष के आधार पर सुनवाई नहीं की जा सकती।

न्यायमूर्ति राजन राय की पीठ ने मेनका द्वारा दायर चुनाव याचिका पर फैसला सुनाया। पीठ ने याचिका की स्वीकार्यता के संबंध में पांच अगस्त को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

मेनका की तरफ से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश हुए उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने पांच अगस्त को पीठ के समक्ष कहा था कि याचिका पर गुण-दोष के आधार पर फैसला किया जाना चाहिए, क्योंकि हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में सुल्तानपुर सीट से चुने गए राम भुआल निषाद ने मतदाताओं को अपने पूरे आपराधिक अतीत को जानने के अधिकार से वंचित किया।

लूथरा ने दलील दी थी कि याचिका दायर करने में हुई देर को माफ किया जाना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया था कि निषाद के खिलाफ 12 आपराधिक मामले लंबित हैं, जबकि उन्होंने अपने हलफनामे में केवल आठ मामलों की जानकारी दी थी।

मेनका की दलील को खारिज करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 81 सहपठित धारा 86 और सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश सात, नियम 11 (डी) के तहत समय बीत जाने के कारण यह चुनाव याचिका खारिज किए जाने योग्य है।’

निषाद ने लोकसभा चुनाव में सुलतानपुर सीट से भाजपा उम्मीदवार मेनका गांधी को 43,174 मतों के अंतर से पराजित किया था। मेनका ने पिछले महीने याचिका दायर की थी।

भाषा सं सलीम आशीष

आशीष



Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *