इंफाल, 22 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार सुबह यहां हवाई अड्डे पर पहुंचा और उनका मणिपुर में जातीय हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों से मिलने का कार्यक्रम है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
न्यायमूर्ति बी.आर. गवई के नेतृत्व में शीर्ष अदालत के प्रतिनिधिमंडल का हवाई अड्डे पर पहुंचने पर राज्य के वकीलों ने गर्मजोशी से स्वागत किया।
अधिकारियों ने बताया कि न्यायाधीश राहत शिविरों का दौरा करेंगे और चुराचांदपुर जिले में लघु सचिवालय से कानूनी सेवा शिविरों, कानूनी सहायता केन्द्रों और अस्थायी चिकित्सा केन्द्रों का वर्चुल माध्यम से उद्घाटन करेंगे। इसके बाद वे बिष्णुपुर में मोइरांग कॉलेज में एक राहत शिविर जाएंगे।
इस संबंध में एक न्यायाधीश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम अभी यहां आए हैं और आगे के कार्यक्रम को लेकर आशान्वित हैं।’’
अधिकारियों ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल में शामिल न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह मेइती समुदाय से हैं और वह कुकी बहुल चुराचांदपुर जिले का दौरा नहीं करेंगे क्योंकि वहां वकीलों के एक संगठन ने इस पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति सिंह बिष्णुपुर जिले का दौरा करेंगे।
‘ऑल मणिपुर बार एसोसिएशन’ (एएमबीए) ने चुराचांदपुर जिले की बार एसोसिएशन से आग्रह किया है कि वह मेइती समुदाय से ताल्लुक रखने वाले उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को कुकी-जो बहुल क्षेत्र का दौरा करने से रोकने वाले अपने निर्देश को वापस ले।
एएमबीए के अध्यक्ष पुयम तोमचा मीतेई ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों का यह दौरा ऐतिहासिक और अपनी तरह का पहला दौरा है।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश रविवार को मणिपुर उच्च न्यायालय में एक कार्यक्रम में भी भाग लेंगे।
मणिपुर में मई 2023 से अब तक मेइती और कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हुए हैं।
भाषा शोभना नेत्रपाल
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