उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश हिमा कोहली |

Ankit
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नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश हिमा कोहली ने शुक्रवार को कहा कि लैंगिक भेदभाव एवं पूर्वाग्रह भले ही प्रत्यक्ष रूप से कम हो गये हों, लेकिन अब भी गुप्त रूप से ये जारी हैं।


न्यायमूर्ति कोहली ने यह भी कहा कि महिला वकीलों को अक्सर उनके अधिकारक्षेत्र पर सवाल उठाने वाली रूढ़ियों का सामना करना पड़ता है।

उन्होंने रेखांकित किया कि पिछले 75 वर्षों में किसी भी महिला अधिवक्ता को न तो अटॉर्नी जनरल (एजी) बनाया गया, न ही सॉलिसिटर जनरल (एसजी) की जिम्मेदारी सौंपी गयी, जो कानूनी पेशे से जुड़ी महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों का संकेत देता है।

न्यायमूर्ति कोहली ‘‘देश के कानून क्षेत्र में महिलाओं के 100 साल’’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में अपने विचार प्रकट कर रही थीं।

भाषा सुरेश प्रशांत

प्रशांत



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