दुबई, 30 मार्च (एपी) ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने रविवार को कहा कि तेहरान ने उसके परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पत्र के जवाब में अमेरिका के साथ सीधी बातचीत को खारिज कर दिया है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तेहरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम पर चिंता जताते हुए हाल में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई को पत्र भेजा था।
पेजेशकियान ने ओमान के जरिये दी अपनी प्रतिक्रिया में वाशिंगटन के साथ अप्रत्यक्ष वार्ता की संभावनाएं बरकरार रखी हैं।
हालांकि, इस तरह की वार्ता बहुत कारगर साबित नहीं हुई हैं, क्योंकि ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान उस परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था, जो 2018 में विश्व शक्तियों के साथ तेहरान ने किया था।
इसके बाद के वर्षों में, क्षेत्रीय तनाव समुद्र और ज़मीन पर हमलों में बदल गया। फिर गाजा पट्टी में इजराइल-हमास युद्ध हुआ, जिसमें इजराइल ने आतंकवादी समूह के नेताओं को निशाना बनाया।
अमेरिका यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों को निशाना बनाकर तेज हवाई हमले कर रहा है, ऐसे में ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाकर सैन्य कार्रवाई का जोखिम बना हुआ है।
पेजेशकियान ने एक कैबिनेट बैठक के दौरान टेलीविजन पर कहा, ‘‘हम बातचीत से नहीं बचते हैं, लेकिन वादों के उल्लंघन के कारण हमारे सामने कुछ मुद्दे हैं। उन्हें (अमेरिका) यह साबित करना होगा कि वे विश्वास बहाली कर सकते हैं।’’
व्हाइट हाउस, अमेरिकी विदेश विभाग या अन्य अधिकारियों ने इस घोषणा पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
ट्रंप के पत्र के बाद ईरान का रुख सख्त हो गया है। पेजेशकियान द्वारा इस निर्णय की घोषणा से पता चलता है कि उनके चुनाव के बाद से ईरान में अब तक कितना बदलाव आया है, क्योंकि उन्होंने छह महीने पहले चुनाव प्रचार के दौरान पश्चिमी देशों के साथ फिर से बातचीत करने का वादा किया था।
ट्रंप के चुनाव जीतने और तेहरान पर उनके ‘अधिकतम दबाव’ अभियान के फिर से शुरू होने के बाद से ईरान की रियाल मुद्रा में भारी गिरावट आई है। पेजेशकियान ने बातचीत के लिए रास्ता खुला रखा था, जब तक कि ईरान के खामेनेई ने फरवरी में ट्रंप पर निशाना नहीं साधा था और चेतावनी दी थी कि उनके प्रशासन के साथ बातचीत ‘बुद्धिमानी, समझदारी या सम्मान के लायक नहीं है।’’ इसके बाद ईरानी राष्ट्रपति ने तुरंत अमेरिका पर अपनी टिप्पणी को कड़ा कर दिया।
ट्रंप का पत्र 12 मार्च को तेहरान पहुंचा था। हालांकि, टंप ने एक टेलीविज़न साक्षात्कार में घोषणा की कि उन्होंने इसे लिखा है। लेकिन ट्रंप ने इस बारे में बहुत कम जानकारी दी कि उन्होंने सर्वोच्च नेता से वास्तव में क्या कहा है।
साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा, ‘‘मैंने उन्हें एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि मुझे उम्मीद है कि आप बातचीत करेंगे, क्योंकि अगर हमें सैन्य रूप से आगे बढ़ना पड़ा, तो यह एक भयानक बात होगी।’
ईरान ने लंबे समय से कहा है कि उसका कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है, जबकि उसके अधिकारी लगातार बम बनाने की धमकी देते रहे हैं। हालांकि, फरवरी में संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि ईरान ने हथियार-ग्रेड यूरेनियम के अपने उत्पादन में तेजी ला दी है।
एपी अमित दिलीप
दिलीप