मस्कट, 12 अप्रैल (एपी) अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में, ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर दोनों देशों के बीच हुई पहली सीधी वार्ता में इस मुद्दे पर 19 अप्रैल को और चर्चा करने पर सहमति बनी है। ईरान के विदेश मंत्री ने यह जानकारी दी।
ईरान के सरकारी टेलीविजन की खबर के मुताबिक, वार्ता के अंत में अमेरिका के पश्चिम एशिया में दूत स्टीव विटकॉफ और ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने ओमान के विदेश मंत्री की उपस्थिति में संक्षिप्त बातचीत की। इससे दशकों से तनावपूर्ण संबंध वाले दोनों देशों के बीच सीधी वार्ता होने का संकेत मिलता है।
अमेरिकी अधिकारियों ने ईरान की ओर से आ रही खबरों की तत्काल पुष्टि नहीं की है। खबरों के मुताबिक, दोनों पक्षों ने ओमान के बाहरी इलाके में एक स्थान पर दो घंटे से अधिक समय तक बातचीत की, जो स्थानीय समयानुसार, शाम 5:50 बजे समाप्त हुई। वार्ता स्थानीय समयानुसार, अपराह्न 3:30 बजे शुरू हुई थी।
दोनों देशों के बीच करीब 50 साल से जारी दुश्मनी के बीच बातचीत का महत्व और भी बढ़ गया है। ट्रंप ने बार-बार धमकी दी है कि अगर समझौता नहीं हुआ तो वे ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाकर हवाई हमले करेंगे।
ईरानी अधिकारी लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि वे अपने यूरेनियम को हथियारों में इस्तेमाल करने के स्तर तक संवर्धित कर परमाणु हथियार बनाने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
यह वार्ता शनिवार दोपहर ओमान में हुई। एसोसिएटेड प्रेस के संवाददाताओं ने देखा कि विटकॉफ के काफिले ने शनिवार दोपहर ओमानी विदेश मंत्रालय से प्रस्थान किया और फिर तेजी से मस्कट के बाहरी इलाके की ओर बढ़ गया।
काफिला एक परिसर में प्रवेश कर गया और इसके कुछ ही मिनट बाद, ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बघेई ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि ‘‘अनौपचारिक वार्ता’’ शुरू हो गई है।
बघेई ने लिखा, ‘‘यह वार्ता ओमानी मेजबान द्वारा तय स्थान पर होगी, जिसमें इस्लामी गणराज्य ईरान और अमेरिका के प्रतिनिधि शामिल होंगे तथा ओमानी विदेश मंत्री के माध्यम से एक-दूसरे को अपने विचार और स्थिति से अवगत कराएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस्लामी गणराज्य ईरान का उद्देश्य बहुत स्पष्ट है – हमारा केवल एक ही लक्ष्य है, और वह है ईरान के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना।’’
बघेई ने कहा, ‘‘हम कूटनीति को एक वास्तविक और ईमानदार अवसर दे रहे हैं, ताकि बातचीत के माध्यम से हम एक ओर परमाणु मुद्दे पर आगे बढ़ सकें, और दूसरी ओर हमारे लिए अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रतिबंधों को हटाया जाए।’
बघेई ने कहा, ‘‘देखिए, यह तो बस एक शुरुआत है। इसलिए यह स्वाभाविक है कि इस चरण में दोनों पक्ष ओमानी मध्यस्थ के माध्यम से अपनी मौलिक स्थिति प्रस्तुत करेंगे। इसलिए, हमें उम्मीद नहीं है कि वार्ता का यह दौर लंबा चलेगा।’’
इससे पहले अराघची ने ईरानी पत्रकारों से बात की।
ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी इरना द्वारा जारी एक ऑडियो क्लिप में अराघची ने कहा, ‘‘अगर दोनों पक्षों में पर्याप्त इच्छाशक्ति है, तो हम कार्यक्रम तय करेंगे। लेकिन इस बारे में बात करना अभी भी जल्दबाजी होगी।’’
एपी धीरज सुभाष
सुभाष