ईपीएफओ ने पैनल में 15 अतिरिक्त बैंकों को शामिल किया |

Ankit
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नयी दिल्ली, एक अप्रैल (भाषा) कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने मंगलवार को अंशदान एकत्र करने के लिए अपने पैनल में शामिल बैंक नेटवर्क में 15 अतिरिक्त बैंकों को शामिल करने की घोषणा की। इससे पैनल में शामिल बैंकों की कुल संख्या 32 हो गई है।


श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा कि ईपीएफओ ने मंगलवार को नयी दिल्ली में केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया की मौजूदगी में 15 अतिरिक्त सार्वजनिक/निजी क्षेत्र के बैंकों के साथ समझौते किये।

पैनल में शामिल 15 बैंक सालाना संग्रह में लगभग 12,000 करोड़ रुपये का सीधा भुगतान करने में सक्षम होंगे। साथ ही इन बैंकों में अपने खाते रखने वाले नियोक्ताओं तक इनकी सीधी पहुंच होगी।

अधिनियम के तहत आने वाले नियोक्ताओं को अपना मासिक अंशदान देने में सक्षम बनाने के लिए, ईपीएफओ ने पहले ही 17 बैंकों को पैनल में शामिल किया हुआ है। नये बैंकों को मिलाकर कुल बैंकों की संख्या 32 हो गई है।

मांडविया ने अपने संबोधन में कहा कि ‘नये भारत’ की दिशा में देश की प्रगति को ईपीएफओ जैसी संस्थाओं द्वारा महत्वपूर्ण रूप से समर्थन मिल रहा है। ये संस्थाएं देश के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

उन्होंने कहा कि लगभग आठ करोड़ सक्रिय अंशधारकों और 78 लाख से अधिक पेंशनभोगियों के साथ, ईपीएफओ लाखों लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

मंत्री ने कहा कि ईपीएफओ लगातार समय के साथ कदम बढ़ा रहा है। ईपीएफओ 2.01 के हाल में कार्यान्वयन के साथ, एक मजबूत आईटी प्रणाली सामने आई है। इससे दावा निपटान में काफी सुधार हुआ है।

उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में, ईपीएफओ ने रिकॉर्ड छह करोड़ से अधिक दावों का निपटान किया, जो पिछले वर्ष (2023-24) में निपटाए गए 4.45 करोड़ दावों की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है।

मांडविया ने कहा कि ग्राहकों की संतुष्टि में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन सक्रिय रूप से ईपीएफओ 3.0 की दिशा में काम कर रहा है ताकि इसे बैंकों की तरह सुलभ और कुशल बनाया जा सके।

उन्होंने कहा कि केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली की शुरुआत के साथ एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इस प्रणाली से 78 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को लाभ होगा, जिससे वे देश भर में किसी भी बैंक खाते में अपनी पेंशन प्राप्त कर सकेंगे। पहले, पेंशनभोगियों को एक विशिष्ट क्षेत्रीय बैंक में खाता रखना आवश्यक था, अब यह अनिवार्यता हटा दी गई है।

मांडविया ने कहा, ‘‘हम सदस्यों के लिए जीवन को आसान बनाने और नियोक्ताओं के लिए व्यापार करने में सुगमता प्रदान करने पर ध्यान दे रहे हैं। हमारे बैंक भागीदारों, नियोक्ताओं और सदस्यों के निरंतर समर्थन के साथ, हम अपने सामाजिक सुरक्षा ढांचे को और मजबूत करते हुए, विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में मजबूत कदम उठाने के लिए दृढ़ हैं।’’

पैनल में शामिल 15 नये बैंक हैं… एचएसबीसी बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, फेडरल बैंक, इंडसइंड बैंक, करूर वैश्य बैंक, आरबीएल बैंक, साउथ इंडियन बैंक, सिटी यूनियन बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, यूको बैंक, कर्नाटक बैंक, डेवलपमेंट बैंक ऑफ सिंगापुर, तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक, डेवलपमेंट क्रेडिट बैंक और बंधन बैंक।

पैनल में पहले से शामिल 17 बैंक… भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, आईडीबीआई बैंक, इंडियन बैंक इंडियन ओवरसीज बैंक, यस बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, जम्मू और कश्मीर बैंक और बैंक ऑफ इंडिया… हैं।

भाषा रमण अजय

अजय



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