गुवाहाटी, 17 अप्रैल (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आय से अधिक संपत्ति के एक कथित मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधान के तहत असम सिविल सेवा (एसीएस) की एक निलंबित अधिकारी की 7.33 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
निलंबित अधिकारी सुकन्या बोरा को आखिरी बार कामरूप (महानगर) जिले में अतिरिक्त उपायुक्त (विकास) के रूप में तैनात किया गया था। उन्हें जनवरी 2024 में मुख्यमंत्री के विशेष सतर्कता प्रकोष्ठ ने परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के नाम पर अपनी आय से अधिक संपत्ति जमा करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
उन्हें अप्रैल 2024 में जमानत दी गई थी लेकिन वह अब भी निलंबित हैं।
ईडी द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, एजेंसी ने बोरा के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में मुख्यमंत्री के विशेष सतर्कता प्रकोष्ठ द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के विभिन्न प्रावधानों के तहत जांच शुरू की थी।
ईडी ने 7.33 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियां कुर्क की हैं। मुख्यमंत्री के विशेष सतर्कता प्रकोष्ठ द्वारा दायर आरोपपत्र में कहा गया है कि मार्च 2017 से फरवरी 2023 की अवधि के दौरान बोरा के पास 8.14 करोड़ रुपये की संपत्ति थी, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक है।
बयान के अनुसार, ईडी द्वारा की गई वित्तीय जांच से पता चला है कि बोरा और उनके माता-पिता के बैंक खातों में 98.66 लाख रुपये की नकदी जमा की गई थी, जिनकी इतनी आय नहीं थी।
अधिकारी ने अपने माता-पिता और करीबी रिश्तेदारों के नाम पर जमीन के रूप में तीन संपत्तियां खरीदीं, जिसमें बैंक खातों में अपराध की आय (पीओसी) से प्राप्त भुगतान के अलावा 3.25 करोड़ रुपये की नकद राशि का भुगतान किया गया।
बयान में कहा गया कि मामले में आगे की जांच जारी है।
मुख्यमंत्री विशेष सतर्कता प्रकोष्ठ द्वारा दायर 1,133 पन्नों के आरोप पत्र में कहा गया है कि उसने अपनी ज्ञात आय से 786 प्रतिशत अधिक मूल्य की संपत्ति अर्जित की है।
भाषा वैभव माधव
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