नयी दिल्ली, सात अप्रैल (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि उसने अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ तस्कर और आतंकवादी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के सदस्य जसमीत हकीमजादा के खिलाफ दर्ज धनशोधन मामले की जांच के तहत हरियाणा स्थित उसकी अचल संपत्तियों को कुर्क किया गया है।
संघीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि उसने ‘‘मादक पदार्थ की तस्करी से प्राप्त नकदी को भारत के बैंक खातों में जमा किया।’’
ईडी ने कहा कि इन पैसों का उपयोग गुरुग्राम (हरियाणा) में उसके नाम पर अचल संपत्तियों की खरीद के लिए किया गया था। 1.22 करोड़ रुपये मूल्य की इन संपत्तियों को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अनंतिम रूप से कुर्क कर लिया गया है।
ईडी ने कहा कि वह प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) और केएलएफ के पाकिस्तान स्थित स्वयंभू प्रमुख हरमीत सिंह उर्फ पीएचडी के साथ भी जुड़ा हुआ है।
ईडी के अनुसार, हकीमजादा वर्तमान में दुबई में रहता है और वह भारत में ‘‘सक्रिय रूप से’’ मादक पदार्थ-आतंकी गिरोह संचालित कर रहा है।
एजेंसी ने कहा, ‘‘उसने केएलएफ की मादक पदार्थ तस्करी गतिविधियों के माध्यम से अर्जित अपराध की आय को अमृतसर (पंजाब) स्थित ‘फुल फ्लेज्ड मनी चेंजर’ (एफएफएमसी) की मदद से हवाला के जरिए दुबई पहुंचाया था।’’
ईडी ने पिछले साल 27 अगस्त को इस मामले में छापेमारी की थी और दिल्ली में हकीमजादा और उसकी पत्नी के नाम पर कुछ ‘‘गुप्त’’ बैंक लॉकर का पता लगाया था।
इन लॉकरों में 1.06 किलोग्राम ‘‘बेहिसाबी’’ सोना और 370 ग्राम हीरे के आभूषण थे, जिन्हें ईडी ने जब्त कर लिया था।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा हकीमजादा के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई प्राथमिकी के बाद ईडी आरोपी के खिलाफ धनशोधन के मामले की जांच कर रही है।
भाषा प्रीति संतोष
संतोष