नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के शुद्ध लाभ में 64 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसकी प्रमुख वजह भंडारण और विदेशी मुद्रा विनिमय पर नुकसान है। इसके चलते कंपनी ने ईंधन की रिकॉर्ड बिक्री से हुआ लाभ गंवा दिया।
कंपनी ने सोमवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसे वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में 2,873.53 करोड़ रुपये का एकल शुद्ध लाभ हुआ है, जो गत वित्त वर्ष 2023-24 की समान अवधि में 8,063.69 करोड़ रुपये था।
हालांकि, जुलाई-सितंबर, 2024 की तुलना में कंपनी का लाभ बढ़ा है। जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी ने 189.01 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था।
आईओसी के निदेशक (वित्त) अनुज जैन ने कहा कि लाभ में गिरावट मुख्य रूप से भंडार और विदेशी मुद्रा विनिमय में हुए नुकसान की वजह से आई है।
कंपनी को तीसरी तिमाही में भंडारण पर 7,800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसके अलावा विदेशी मुद्रा विनिमय के चलते उसे 1,900 करोड़ रुपये का घाटा हुआ।
इसके अलावा क्रैक – कच्चे माल (कच्चे तेल) की लागत और तैयार उत्पाद की कीमत के बीच का अंतर – कम हो गया। उन्होंने कहा कि डीजल के लिए यह अक्टूबर-दिसंबर 2023 में 19.18 डॉलर प्रति बैरल से घटकर अक्टूबर-दिसंबर 2024 में 10.8 डॉलर प्रति बैरल हो गया। इसी तरह पेट्रोल के लिए यह 7.04 डॉलर प्रति बैरल से घटकर 3.63 डॉलर प्रति बैरल हो गया।
आईओसी के चेयरमैन ए एस साहनी ने कहा कि कंपनी ने 2.61 करोड़ टन से अधिक की अपनी अबतक की किसी तिमाही की सबसे ऊंची बिक्री दर्ज की। यह गत वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 6.2 प्रतिशत अधिक है। इसकी वजह यह है कि कंपनी ने ईंधन बिक्री की अपनी मुख्य क्षमता पर पुनः ध्यान केंद्रित किया है।
इस तिमाही में पेट्रोरसायन कारोबार में भी सात प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि गैस कारोबार 24 प्रतिशत बढ़ा।
साहनी ने कहा कि उद्योग में आईओसी की बाजार हिस्सेदारी अक्टूबर, 2024 तिमाही के 41.1 प्रतिशत से बढ़कर समीक्षाधीन तिमाही में 41.3 प्रतिशत हो गई। उन्होंने कहा कि कंपनी का ध्यान मुख्य तेल शोधन और विपणन के साथ ही पेट्रोरसायन कारोबार पर है, क्योंकि यह कंपनी के लिए नकदी का मुख्य स्रोत है।
भाषा पाण्डेय अजय
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